Wednesday, December 13, 2023

Shubh Muhurt Choughadiya

  शुभ मुहूर्त 

 लोग किसी भी पूजा या शुभ कार्य को शुरू करने से पहले मुहूर्त जरूर देखते हैं। यदि आप उचित मुहूर्त नहीं देखना चाहते हैं तो किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए आपको कम से कम चौघड़िया देखना होगा। इसका प्रयोग अधिकतर भारत के पश्चिमी राज्यों में किया जाता है। इसका उपयोग विशेष रूप से संपत्ति की खरीद और बिक्री में किया जाता है। चौघड़िया मुहूर्त सूर्योदय के समय पर निर्भर करता है। इसलिए, हम आमतौर पर हर क्षेत्र या शहर के लिए इस समय में अंतर पाते हैं। आप इसे हिंदू पंचांग कैलेंडर में आसानी से देख सकते हैं। 

Shubh Muhurt Choughadiya


कुछ साधारण मूहुर्त हैं जिन्हे सामान्य कामों के लिये प्रयोग किया जाता है. जिनमें: वस्त्र धारण, हल चलाना, कर्ण छेदन आदि मुख्य हैं तो कुछ तिथियों व वारों से जुड़े हैं। कुछ मूहुर्तो का प्रयोग वस्तु क्रय-विक्रय, ऋण के लेन-देन, दूकान शुरू करने, भूमि लेने इत्यादि के लिए किया जाता है। व्यक्ति के सोलह संस्कारों से भी सोलह मुहूर्त जुडे हैं। ग्रह मूहुर्त, वर्षा मूहुर्त, यात्रा आदि से जुडा मूहुर्त है। और भी अनेक प्रकार के मूहुर्त हैं जिनका प्रयोग समय समय पर किया जाता है।

उद्योग काल मूहुर्त के लिये बुरा समझा जाता है, अमृत को अच्छा, रोग को बुरा, लाभ को फिर अच्छा समझा जाता है, शुभ को भी अच्छा समझा जाता है। चर को मध्यम माना जाता है तथा काल बुरे समय में आता है।शुभ काल के मूहुर्त समय को अच्छे कामों के लिये लिया जाता है परन्तु जो काम शुभ हों तथा जिन्हें आरम्भ करना हो उन्हे बुरे समय काल में आरम्भ नहीं करना चाहिए। चर काल समय यात्रा आदि के लिये विशेष रुप से अच्छे समझे जाते हैं।इन मूहुर्तों पर शुभ तिथि, नक्षत्र, करण व वार तथा दिन में बनने वाले अन्य योगों का भी प्रभाव पडता है। जैसे: सभी नक्षत्रों में से पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में सभी शुभ कामों के लिये बेहद शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र के समय में अगर अम्रत काल का समय भी हो तब तो सोने पे सुहागा हो जाता है।

चौघडि़या शहर के हिसाब से परिवर्तित होता रहता है क्योंकि इसकी गणना सूर्योदय के समय पर आधारित होती है।चौघड़िया मुहूर्त निकालने के लिये चौघड़िया मुहूर्त चक्र का प्रयोग किया जाता है। जिससे सरलता से दिन-रात्रि के शुभ व अशुभ समय का आंकलन किया जा सकता है।

किसी भी कार्य को शुभ मुहूर्त या समय पर प्रारंभ किया जाए तो परिणाम अपेक्षित आने की संभावना ज्यादा प्रबल होती है। यह शुभ समय चौघड़िया में देखकर प्राप्त किया जाता है। यहां हमने चौघिड़या देखने की सुविधा उपलब्ध कराई है।

Shubh Muhurt Choughadiya

what is Choughadiya

चौघड़िया क्या है?

हिंदू कैलेंडर में, अच्छे और बुरे समय का पता लगाने की एक तकनीक है। इसे ज्योतिष के माध्यम से भी समझा जा सकता है, जो नक्षत्र और वैदिक ज्योतिष के आधार पर किसी भी दिन के 24 घंटों की आकाशीय स्थिति को दर्शाता है। मान लीजिए यदि आप कोई अच्छा और शुभ कार्य आरंभ करना चाहते हैं तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त का उपयोग करना अच्छा रहेगा।

एक दिन में 24 घंटे होते हैं और चौघड़िया में इसे 16 भागों में बांटा गया है। आठ मुहूर्त दिन के और आठ मुहूर्त रात के होते हैं। प्रत्येक मुहूर्त को समान समय अंतराल यानी डेढ़ घंटे में विभाजित किया गया है। प्रत्येक सप्ताह में दिन और रात मिलाकर मूलतः 112 मुहूर्त होते हैं। दिन और रात के समय पूजा करते समय आपको मुहूर्त का ज्ञान होना चाहिए। किसी निश्चित यात्रा पर जाते समय या विशेष और शुभ कार्य करते समय चौघड़िया मुहूर्त महत्वपूर्ण होता है। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भी शुभ कार्य शुभ समय सीमा के दौरान किया जाता है तो उसका फल बेहतर मिलता है।

Type of Choughadiya

चौघड़िया के प्रकार

मूल रूप से 7 प्रकार के चौघड़िया होते हैं, जैसे उद्वेग, चल, लाभ, अमृत, काल, शुभ और रोग। आठ चौघड़िया दिन के समय और बाकी आठ रात के समय आते हैं। तो, हिंदू पंचांग में दो प्रकार के चौघड़िया मौजूद हैं और दोनों में 8 चौघड़िया (मुहूर्त) होते हैं। आइए नीचे चौघड़िया के प्रकार जानें:

दिन चौघड़िया: यह मूल रूप से सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच का समय है। अमृत, लाभ, शुभ और चल ये शुभ माने गए हैं। अमृत को सर्वोत्तम चौघड़िया माना जाता है जबकि चल को अच्छा माना जाता है। वहीं रोग, काल और उद्वेग को अशुभ मुहूर्त माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य को करते समय हम अशुभ चौघड़िया से बचते हैं। आपकी बेहतर समझ के लिए हमने दिन का चौघड़िया चार्ट नीचे वर्णित किया है।

रात्रि चौघड़िया: रात्रि चौघड़िया सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच का समय है। रात्रि में 8 चौगड़िया होते हैं। रात्रि चौघड़िया के लिए प्राप्त परिणाम भी दिन के चौघड़िया के समान ही होते हैं। आपकी बेहतर समझ के लिए हमने रात्रि चौघड़िया चार्ट का फिर से नीचे वर्णन किया है।

विशेष-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। समयानुसार चौघड़िया को तीन भागों में बांटा जाता है शुभ, मध्यम और अशुभ चौघड़िया। इसमें अशुभ चौघड़िया पर कोई नया कार्य शुरु करने से बचना चाहिए।

शुभ चौघडिया शुभ (स्वामी गुरु), अमृत (स्वामी चंद्रमा), लाभ (स्वामी बुध)

मध्यम चौघडिया चर (स्वामी शुक्र)

अशुभ चौघड़िया उद्बेग (स्वामी सूर्य), काल (स्वामी शनि), रोग (स्वामी मंगल) 

Shubh Muhurt Choughadiya

चौघड़िया मुहूर्त वैदिक हिंदू कैलेंडर, पंचांग का एक हिस्सा है। हिंदी में 'चो' शब्द का अर्थ है चार और 'घड़ी' का अर्थ है घड़ी और चौघड़िया कुल मिलाकर 96 मिनट है। चौघड़िया भारत में समय की गणना के लिए एक प्राचीन माप है जो प्रत्येक मंडल में लगभग 24 मिनट के बराबर है।

हाँ, हिन्दू पंचांग में चौघड़िया का उल्लेख होता है। चौघड़िया एक विशेष समय मुहूर्त  होता है जिसे हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है।

चौघड़िया के आधार पर, लोग नए कार्यों की शुरुआत को अमृत या चल भाग में करने का प्रयास करते हैं, जबकि वे अशुभ भागों को टालने का प्रयास करते हैं। चौघड़िया की जानकारी के माध्यम से लोग अपने कार्यों को शुभ मान्यता के साथ आयोजित करने की कोशिश करते हैं।

कृपया ध्यान दें कि चौघड़िया का समय निरंतर बदलता रहता है, इसलिए आपको नवीनतम हिन्दू पंचांग या अनुभवित ज्योतिषशास्त्री से पूछकर वर्तमान चौघड़िया समय जानना चाहिए।

चौघड़िया हिन्दू ज्योतिष और पंचांग में महत्वपूर्ण होती है। इसे दिन के समय को छः भागों में विभाजित करके बताया जाता है, और प्रत्येक भाग को चौघड़िया कहा जाता है। चौघड़िया समय को शुभ और अशुभ भागों में विभाजित करता है और इसका उपयोग शुभ कार्यों के आरंभ के लिए किया जाता है।

चौघड़िया में उपयोग के लिए व्यापारिक गतिविधियों, यात्राओं, शुभ कार्यों, नए व्यापारों की शुरुआत, निवेश, नये प्रोजेक्ट्स की शुरुआत, और अन्य प्रमुख कार्यों के लिए चौघड़िया का महत्व होता है। शुभ चौघड़िया में कार्य करने से मान्यता है कि उसके परिणाम शुभ होंगे और सफलता के साथ पूर्ण होंगे। विपरीत रूप से, अशुभ चौघड़िया में किसी कार्य को करने से उम्मीद की जाती है कि उसके परिणाम अशुभ या परेशानीजनक होंगे।

चौघड़िया का उपयोग व्यक्ति को योग्य समय की पहचान करने में मदद करता है, जिससे उन्हें उचित समय पर अपने कार्यों को आरंभ करने की संभावना होती है। यह उन्हें सफलता की उम्मीद बढ़ाने, नए परियोजनाओं या कारोबारकी शुरुआत करने के लिए आत्मविश्वास प्रदान कर सकता है।

यदि आप चौघड़िया का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको नवीनतम हिन्दू पंचांग या ज्योतिषशास्त्री से चौघड़िया के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहिए। वे आपको वर्तमान चौघड़िया समय और उसके उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

चौघड़िया का महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी होता है। कुछ लोग चौघड़िया को अपने धार्मिक अनुष्ठान और पूजा के समय की महत्वपूर्ण जानकारी के रूप में उपयोग करते हैं। यह उन्हें समय के अनुसार सही मुहूर्त प्रदान करता है जब वे विभिन्न पूजा, हवन, और धार्मिक कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।

चौघड़िया के आधार पर कार्यवाही करने का एक अन्य मान्यतापूर्ण कारण है कि इसे प्राकृतिक ऊर्जा और पंचतत्वों के साथ जोड़ा जाता है। चौघड़िया द्वारा व्यक्त किए जाने वाले उपाय विभिन्न ऊर्जाओं के संग्रह में सहायता कर सकते हैं और उचित समय पर उचित ऊर्जा को आकर्षित करने में सहायता कर सकते हैं

Choughadiya Calculator

चौघड़िया की गणना कैसे करें

यह हर दिन के लिए बिल्कुल अलग है। दिन चौघड़िया के लिए, हमें सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय की गणना करने और इसे 8 से विभाजित करने की आवश्यकता है, जो कि 90 मिनट है।

हम इस समय को सूर्योदय के समय में जोड़ देंगे, जो पहले दिन का चौघड़िया देता है। उदाहरण के लिए, सूर्योदय का समय सुबह 6:00 बजे लिया जाता है, तो उसमें 90 मिनट जोड़ें, सुबह 7:30 बजे आएगा। इसलिए पहला चौघड़िया सुबह 6:00 बजे से शुरू होता है और 7:30 बजे समाप्त होता है। यदि हम फिर से पहला समाप्ति समय यानी 7:30 पूर्वाह्न लेते हैं और इसमें 90 मिनट जोड़ते हैं, तो 9:00 पूर्वाह्न उत्तर होता है। इसलिए, दूसरा चौघड़िया सुबह 7:30 बजे से शुरू होता है और सुबह 9:00 बजे समाप्त होता है। इसी तरह हम रात के लिए भी इसकी गणना कर सकते हैं। यहां, हमने सोमवार को पहले चौगड़िया को अमृत के रूप में लिया है और दूसरे को काल के रूप में लिया है। इसलिए, पहला अच्छा है और दूसरा बुरा है। नीचे दी गई तालिका के माध्यम से आज के चौघड़िया मुहूर्त की गणना करें

Conclusion 

निष्कर्ष 

कुल मिलाकर, चौघड़िया हिन्दू कालगणना, ज्योतिष और धार्मिक अनुष्ठानों में एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रखती है। यह लोगों को सही समय पर कार्य करने और अनुकूल परिणाम प्राप्त करने में मदद कर सकती है, और धार्मिक आदर्शों को बढ़ावा देने में सहायता कर सकती है। 

चौघड़िया के प्रकार और उनके मान्यता क्षेत्र से अलग-अलग हो सकती हैं। यह ज्योतिष और हिंदू परंपरा में उपयोग होने वाली एक प्रथा है, जिसे मान्यता के आधार पर लोग अनुसरण करते हैं। यह विश्वसनीयता आपके व्यक्तिगत धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यता पर निर्भर करेगी।चौघड़िया हिन्दू ज्योतिष में एक प्रमुख भूमिका निभाती है और इसे विशिष्ट मान्यताएं और विश्वास जुड़े हुए हैं। इसे धार्मिक और ज्योतिषीय उद्देश्यों के लिए उपयोगी माना जाता है और लोग इसे शुभ मुहूर्त का चयन करने और कार्यों के लिए उपयोग करते हैं।

FAQ

 पुछे जाने वाले प्रश्न 

 चौघड़िया क्या है और इसका महत्व क्या है?

चौघड़िया (Choghadiya) एक प्रकार का हिन्दी पंचांग (Hindu calendar) है जिसका उपयोग धार्मिक और ज्योतिषीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है। चौघड़िया विशेष तिथियों के दौरान दिन का समय छवियों (periods) में विभाजित करती है और हर छवि का अपना महत्व होता है। यह पंचांग उपयोगकर्ताओं को शुभ और अशुभ कार्यों के लिए संदेश देता है और उन्हें शुभ मुहूर्त चुनने में मदद करता है।

चौघड़िया कैसे काम करती है?

चौघड़िया का समय दिनरात्रि को 24 घंटे में विभाजित किया जाता है। यह समय चौघड़िया की आधारिकता का निर्धारण करता है। दिन का समय चौघड़िया के छवियों में विभाजित होता है, जो अशुभ, शुभ और लाभकारी चौघड़िया के रूप में जानी जाती हैं। हर छवि की अवधि कुछ घंटे तक होती है और इसे उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार चुन सकते हैं।

चौघड़िया का उपयोग किस प्रकार किया जाता है? और कौन-कौन से कार्यों में यह महत्वपूर्ण होती है?

चौघड़िया विशेष रूप से धार्मिक कार्यों, यात्राओं, व्यापारिक निवेश, शादी, निवास स्थापना, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार, नवजात शिशु के नामकरण, और भूमि की खरीदारी के समय महत्वपूर्ण होती है। इसका उपयोग शुभ मुहूर्त का चयन करने और शुभ कार्यों को सम्पन्न करने के लिए किया जाता है।





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