extremely harmful combination of astrology
ज्योतिष शास्त्र का अति अनिष्ठकारी योग
ज्योतिष में ऐसे कई अशुभ योग मौजूद होते है, जो जातक के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते है। उन्ही में से एक योग ऐसा है, जो जातक के जीवन में कई परेशानियां लाता है। इस केमद्रुम योग कहा जाता है। अशुभ योग के कारण जातक को अपने जीवन में असफलता का भी सामना करना पडता है। लेकिन जब किसी जातक की कुंडली में शुभ योग बनते है, तो वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है।
अगर किसी जातक की कुंडली में केमद्रुम योग बनता है, तो इसके कारण शुभ योगों का फल भी निष्क्रिय हो जाता है। आपको बता दें कि यह योग चंद्रमा ग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण किसी जातक की कुंडली में बनता है। साथ ही इस योग के कारण जातक मानसिक रूप से काफी बीमार रहने लगता है। इस योग के कारण जातक के मन में एक अज्ञात भय लगा रहता है। वही व्यक्ति को इस योग के कारण अपने जीवन में कई बार आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है।
What is Kemdrum Yoga?
केमद्रुम योग क्या होता है?
केमद्रुम योग जनम कुंडली में होने वाले सबसे हानिकारक ग्रह दोषो में से एक है। केमद्रुम योगतब होता है जब जन्म कुंडली में चंद्रमा किसी भी भाव में अकेले बैठा हो और दोनों ओर आगे या पीछे कोई भी ग्रह स्थित न हो। जब चंद्रमा से दूसरे और बारहवें घर में कोई ग्रह स्थित नहीं हो तो केमद्रुम योगबनता है। इसे केमद्रुम योग भी कहते हैं। इसे शुभ नहीं माना जाता है क्योंकि इसकी वजह से व्यक्ति के जीवन में असाधारण बदलाव होते हैं। जिसकी कुंडली में यह दोष होता है वह राजा होकर भी जीवन में भिखारी की मृत्यु को प्राप्त होता है। चन्द्रमा से बनने वाला ये दोष अपने आप में महासत्यानाशी दोष है यदि चंद्रमा से द्वितीय और द्वादश दोनों स्थानों में कोई ग्रह नही हो तो केमद्रुम नामक या दोष बनता है या फिर आप इसे इस प्रकार समझे चन्द्रमा कुंडली के जिस भी घर में हो, उसके आगे और पीछे के घर में कोई ग्रह न हो। इसके अलावा चन्द्रमा की किसी ग्रह से युति न हो या चंद्र को कोई शुभ ग्रह न देखता हो तो कुण्डली में केमद्रुम योग बनता है। केमद्रुम योगके संदर्भ में छाया ग्रह राहु केतु की गणना नहीं की जाती है। जिस भी व्यक्ति की कुण्डली में यह दोष बनता हो उसे सजग हो जाना चाइये।
इस दोष में उत्पन्न हुआ व्यक्ति जीवन में कभी न कभी किसी न किस पड़ाव पर दरिद्रता एवं संघर्ष से ग्रस्त होता है। अपने ज्योतिष के अनुभव में मेने ऐसे ऐसे व्यक्ति देखे है जिन्होंने बड़ी मेहनत करके पैसा कमाया लेकिन कुछ एक सालो बाद सब बर्बाद हो गया, तो यह इसी दोष कार्य का है। जीवन में सब कुछ वापिस ले लेना और फिर शून्य स्थिति में लाना भी इसी दोष का कार्य है।
इसके साथ ही साथ ऐसे व्यक्ति अशिक्षित या कम पढा लिखे , निर्धन एवं मूर्ख भी हो सकते है। यह भी कहा जाता है कि केमदुम योग वाला व्यक्ति वैवाहिक जीवन और संतान पक्ष का उचित सुख नहीं प्राप्त कर पाता है। वह सामान्यत: घर से दूर ही रहता है। व्यर्थ बात करने वाला होता है कभी कभी उसके स्वभाव में नीचता का भाव भी देखा जा सकता है।
How is Kemadrum Yoga formed in the horoscope?
कैसे बनता है जनमकुंडली में केमद्रुम योग
- अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा किसी भी भाव में अकेला होता है और साथ ही चंद्रमा के ऊपर किसी ग्रह की दृष्टि न हो, तो केमद्रुम योग बनता है।
- चंद्रमा किस राशि में स्थित होता है और उसके अंश क्या हैं।
- अगर चंद्रमा की डिग्री कमजोर है, तो इस स्थिति में यह अशुभ योग होने पर भी अधिक प्रतिकूल नहीं होता है।
- इस योग का संबंध चंद्रमा से होता है। साथ ही इसे अशुभ योगो की श्रेणी में रखा जाता है।
- साथ ही चंद्रमा के दोनो तरफ कोई ग्रह ना होने पर यह योग बनता है।
- यह योग जातक के जीवन पर काफी बुरा प्रभाव डालता है, इसलिए इसे अशुभ योग कहा जाता है।
- यह योग व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता लाता है। इसके कारण जातक तनाव की चपेट में आ जाता है।
How Kemadrum Yoga is dissolved
कैसे भंग होता केमद्रुम योग
- ऐसा माना जाता है कि कुछ विशेष ग्रह योगों के बनने पर केमद्रुम योग भंग होकर राजयोग में बदल जाता है।
- अगर जन्मकुंडली में लग्न से केंद्र स्थान में चंद्र या कोई अन्य ग्रह मौजूद होता है, तो केमद्रुम योग भंग हो जाता है।
- आपको बता दें कि जातक की कुंडली में जब शुभ ग्रह मजबूत होता है,तब यह योग भंग हो जाता है।
- जब गुरु ग्रह केंद्र में होता है, तब यह योग भंग हो जाता है।
- जब शुक्ल पक्ष में रात्रि का या कृष्ण पक्ष में दिन का जन्म हो, तब यह योग भंग हो जाता है।
- बता दें कि जब चंद्रमा-अधिष्ठित राशि का स्वामी चंद्रमा से भाव परिवर्तन का संबंध बना रहा हो, तब योग भंग होता है।
Effect of Kemadrum Yoga
केमद्रुम योग का प्रभाव
- इस योग के कारण जातक को मानसिक बीमारी हो सकती है।
- जातक भ्रमित अवस्था में रहता है। और किसी भी तरह का सही निर्णय नहीं ले पाता है।
- चंद्रमा के कमजोर होने से जातक को पेट से संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं।
- केमद्रुम योग होने से जातक को जीवन में दरिद्रता का सामना करना पड़ता है।
- जातक का स्वभाव काफी शक्की और चिड़चिड़ा भी हो जाता है।
- जातक के जीवन में धन को लेकर काफी उतार चढ़ाव बना रहता हैं।
- यह योग कर्क , वृश्चिक और मीन लग्न में ज्यादा ख़राब हो जाता है।
- जातक को माता का सुख प्राप्त नही होता है।
remedy
उपाय
- केंद्रुम योग से बचाव के लिए सोमवार का व्रत रखें।
- जातक भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी करें।
- प्रत्येक शनिवार की शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
- इस योग के प्रभाव को कम करने के लिए आपको सोमवार को हाथ में एक चांदी का कड़ा धारण करना चाहिए। इस उपाय से आपको काफी लाभ होगा।
- घर में मंदिर में कनकधारा यंत्र स्थापित करें और प्रतिदिन 3 बार कनकधारा स्तोत्र पढ़ें।
- जातक को एकादशी का व्रत रखना चाहिए।
- चांदी का एक चकोर टुकडा अपने पास रखना चाहिए।
- सफेद रंग के उत्पाद जैसे चावल, दूध, सफेद फूल, कपूर, सफेद वस्त्र और सफेद मोती आदि का दान करें।
- सोमवार को शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढाना चाहिए।
- सोमवार को भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी पूजा करनी चाहिए।
- आपको प्रतिदिन सायंकाल संध्या पूजा के समय श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए।
- वही पूजा स्थल पर चांदी के छोटे से कलश में भरकर गंगा जल जरुर रखें।
- केंद्रुम योग के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए अपने घर में दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करनी चाहिए।
- नियमित रूप से श्रीसूक्त का पाठ करने से आपको लाभ होगा।
- शंख में जल भरकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर अर्पित करें।
- चांदी के श्रीयंत्र में मोती धारण करना चाहिए।
- सोमवार को दाहिने हाथ की कनिष्ठिका उंगली में चाँदी से जड़ी सफेद मोती की अंगूठी को धारण करें।
- जातक को प्रत्येक सोमवार को चावल और गाय के दूध की खीर बनाकर छोटे बच्चों को खिलाना चाहिए।
- पूर्णिमा के 4 साल तक उपवास रखें।
- सोमवार का व्रत रखें।
- श्री शिव् दारिद्रय दहन स्तोत्र का 1008 पाठ करवा लें
Disadvantages due to Kemadrum Yoga in the horoscope
कुंडली में केमद्रुम योगसे हानि
- केमद्रुम योगका नकारात्मक प्रभाव जीवन को दुखद और बहुत ही संघर्ष पूर्ण बना देता है।
- अधिक सफलता के बावजूद भी हर समय चिंतित या भयभीत होना।
- जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव आना।
- व्यक्ति को बहुत ही अधिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
- कुंडली में केमद्रुम योगहोने की वजह से स्वभाव में गुस्सा और चिड़चिड़ापन आना।
- व्यक्ति अपने विवाहित जीवन और बच्चों को साथ बनाए रखने में सक्षम नहीं हो पाता।
- अनैतिक कर्मों के मार्ग का चयन करना।
- दूसरों पर निर्भर होना।
Positive effects of Kemadrum Yoga
केमद्रुम योग के सकारात्मक प्रभाव
- १. केमद्रुम योगवाले लोग स्वयं को बहुत आत्मविश्वास और सकारात्मक महसूस करते हैं।
- २. जन्म कुंडली में केमद्रुम योग वाला जातक कभी हार नहीं मानता।
- ३. स्वयं को बहुत बुद्धिमान महसूस करते हैं।
- ४. केमद्रुम योग जीवन की लंबी अवधि लाता है।
- 1. केमद्रुम दोष व्यक्ति को नई चीजें जल्दी सीखने में सक्षम बनाता है।
- 2. वे सिद्धांत पर महारत हासिल कर सकते हैं, बस इसे लागू करने में सक्षम नहीं हैं।
- 3.इसलिए, ये लोग महान शिक्षक, मार्गदर्शक, परामर्शदाता और प्रशिक्षक बनाते हैं।
- जातक अपने ज्ञान का उपयोग किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति को पढ़ाने और मार्गदर्शन करने के लिए करते हैं, तो उनका संयोजन अपराजेय हो सकता है, एक का ज्ञान दूसरे के निष्पादन के साथ संयुक्त हो सकता है।
- 5. केमद्रुम दोष एकांत की तलाश कराता है आध्यात्मिक खोज आसान हो जाती है। जातक आसपास के अन्य लोगों से विचलित नहीं होते हैं।
- सत्ता, स्थिति और अधिकार वाले लोगों के कुंडली में केमद्रुम योगहोता है।
conclusion-
निष्कर्ष-
केमद्रुम योग ज्यादा अनिष्टकारी नहीं होता है। इस योग में जातक को सदैव अशुभ प्रभाव नहीं मिलते, बल्कि इस योग में जातक को जीवन के संघर्षों से जूझने और उनसे बाहर निकलने की क्षमता एवं शक्ति मिलती है। इस योग से प्रबल रूप से प्रभावित जातक परिवार से अलग हो जाता है। उसके जीवन से स्त्री, घर, वस्त्र छूट जाते हैं। इनकी आय के साधन छिन जाते हैं। केमद्रुम योग होने पर संघर्ष और अभाव से ग्रस्त जीवन व्यतीत करना पड़ता है। केमद्रुम योग का दूसरा पक्ष यह है कि कई जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में सफलता के साथ उच्च स्तर का पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। https://www.pinterest.com/pin/672091944418356681/
frequently asked questions
पुछे जाने वाले प्रश्न
प्र. केंद्रुम दोष क्या है ?
उ.जब चंद्रमा से दूसरे और बारहवें घर में कोई ग्रह स्थित नहीं हो तो केमद्रुम योगबनता है।
प्र. केंद्रुम योग के क्या प्रभाव होते है?
उ. इस दोष में उत्पन्न हुआ व्यक्ति जीवन में कभी न कभी किसी न किस पड़ाव पर दरिद्रता एवं संघर्ष से ग्रस्त होता है। अपने ज्योतिष के अनुभव में मेने ऐसे ऐसे व्यक्ति देखे है जिन्होंने बड़ी मेहनत करके पैसा कमाया लेकिन कुछ एक सालो बाद सब बर्बाद हो गया, तो यह इसी दोष कार्य का है। जीवन में सब कुछ वापिस ले लेना और फिर शून्य स्थिति में लाना भी इसी दोष का कार्य है।
प्र. केंद्रुम दोष के क्या उपाय है?
उ. पुजा ,अनुष्ठान,मंत्र जप से दोष की शांति संभव है
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