Wednesday, November 29, 2023

Jyotish Ka Adabhut yog Gajkeshari Yog

Amazing coincidence of astrology ज्योतिष शास्त्र का अद्भुत संयोग 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कई प्रकार के योग बताए गए हैं मान्यता है कि इन राजयोगों की जातक के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में बड़ी भूमिका होती है। हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ जैसे वेद और पुराण के अनुसार कुंडली में कुल 32 राजयोग होते हैं इनमे कुछ प्रमुख हैं – नीचभंग, राजयोग ,बुधादित्य योग,शश राजयोग ,हंस योग,रूचक इतने प्रभावशाली होते हैं कि इनके प्रभाव से जातक बड़े से बड़े संकट से भी निकल जाता है साथ ही अतुलनीय धन, यश और वैभव प्राप्त करता है ज्योतिष शास्त्र मे अनेक शुभ योग वर्णित है उनही योगो मे से एक अत्यंत ही शुभ योग का वर्णन किया गया है जिसका नाम गजकेशरी योग है, यह योग ज्योतिष में वर्णित अनेक ग्रहयोगों में से एक बहुचर्चित और विशेष योग है। जब गुरु और चंद्र पूर्ण बलवान स्थिति में होते हैं तब गजकेसरी योग बनता है। यह योग हाथी और सिंह के संयोग से बनता है। गज में अपार शक्ति और सिंह में अदम्य साहस होता है। इसी प्रकार जिस जातक की कुंडली में गजकेसरी योग होता है, वह बलवान, निडर और शक्तिशाली होता है वह गज के समान शक्ति प्राप्त करता है। और अपने साहस से सभी कार्य सिद्ध करता है।
इस योग को बहुत ही शुभ फल देने वाला योग माना गया है। गजकेसरी योग बृहस्पति और चन्द्रमाँ से बनने वाला एक योग है, जन्म कुंडली में जब बृहस्पति और चन्द्रमाँ एक साथ बैठे हो, या बृहस्पति, चन्द्रमाँ से केंद्र (1,4,7,10) में हो तो इसे गजकेसरी योग कहते हैं।

Jyotish Ka Adabhut yog Gajkeshari Yog


What is Gajakesari Yoga?

क्या है गजकेसरी योग ?

वैदिक ज्योतिष के ग्रंथों में गजकेसरी योग की बड़ी महिमा बताई गई है। यह एक अत्यंत ही शुभ योग है। जातक परिजात भी गज केसरी योग के महत्व को बताता है। गजकेसरी योग में गज और केसरी के नाम को प्रयोग किया गया है। गज अर्थात् हाथी और केसरी अर्थात् सिंह, ये दोनों ही सबसे शक्तिशाली माने जाते हैं और अपने स्वभाव अनुसार विभिन्न प्रकार की शक्तियां और विशेषताएँ अपने अंदर समाहित रखते हैं।
शास्त्रों के अनुसार गज को गणेशजी का प्रतीक भी माना जाता है जो कि बुद्धि के देवता हैं। गज यानि हाथी की महानशक्ति जो अभिमान से रहित होती है और सिंह यानि शेर अपनी दूरदर्शिता और कुशल बुद्धि के साथ-साथ अपने मज़बूती, फ्रुर्ती और कुशल नेतृत्व क्षमता तथा साहस के लिए जाना जाता है। इसी के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली में गजकेसरी योग बनता है तो वह व्यक्ति इन सभी गुणों से परिपूर्ण होकर अपनी सफलता का परचम लहराता है। https://www.instagram.com/p/C0OM_t4yx94/
Jyotish Ka Adabhut yog Gajkeshari Yog



How is Gaja Kesari Yoga formed in the horoscope?

कैसे बनता है जनम कुंडली मे गज केसरी योग

केन्द्रे देवगुरौ लगनाच्चन्द्राद्वा । शुभदृग्युते नीचास्तारिगृहैर्हीने योगोऽयं गजकेसरी।।३।।
गजकेसरीसञ्जातस्तेजस्वी धनवान् भवेत्।
मेधावी गुणसम्पन्नो राजप्रियकरो नरः।।४।।
गजकेसरी योग जब केंद्र (1,4,7,10 भाव ) या त्रिकोण (1,5,9 भाव ) में बने तो अधिक शुभ होता है। यदि गजकेसरी योग कर्क, धनु या मीन राशि में बन रहा हो तो बहुत शुभ फल करता है। मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न की कुंडली में यदि गजकेसरी योग बने तो राजयोग के समान फल करता है क्योंकि यहाँ बृहस्पति और चन्द्रमाँ परस्पर केंद्र और त्रिकोण के स्वामी होते हैं और केंद्र त्रिकोण के स्वामियों की युति राजयोग देती है। यदि कुंडली में गजकेसरी योग बना हो और बृहस्पति चन्द्रमाँ कुंडली में शुभ फलकारी ग्रह हों तो इनकी दशाओं में बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं और धन, यश, प्रसिद्धि प्राप्त होती है।
यदि कुंडली में गजकेसरी योग अच्छी स्थिति में बन रहा हो और उस पर कोई पाप प्रभाव ना हो तो इसके बहुत शुभ फल प्राप्त होते हैं जिस व्यक्ति की कुंडली में गजकेसरी योग हो वह व्यक्ति धन, यश, प्रसिद्धि और ऐश्वर्य को प्राप्त करता है ज्योतिष ग्रंथों में इस योग की बहुत प्रसंसा की गई है ऐसा व्यक्ति लक्ष्मीवान होता है और जीवन को बहुत अच्छी स्थिति में व्यतीत करता है।

Gajakesari Yoga's relation with Jupiter and Moon गजकेसरी योग का गुरू और चन्द्र ग्रह से संबंध

गजकेसरी योग अत्यंत ही शुभ योग माना जाता है यह कुंडली में बनने वाले अनेक धन योगों में सबसे प्रबल होता है। किसी भी जातक की कुंडली में गुरु और चंद्रमा दोनों ही अत्यधिक शुभ ग्रह होते हैं अतः यह योग धन के कारक ग्रह गुरु अथवा बृहस्पति और मन के कारक ग्रह चंद्रमा के योग से बनता है।
इस योग का फल जब शुभ दशाएँ आती है तब मिलता है। ख़ासकर अगर आपके चंद्र एवं गुरु शुभ हो और वे आपकी महादशा-अन्तरदशा-प्रत्यंतरदशा-सूक्ष्मदशा-प्राणदशा में आते हो।
कब भंग होता है गजकेशरी योग?
गज-केसरी योग निश्चित ही बहुत शुभ फलकारी योग माना गया है और व्यक्ति को उन्नति प्रदान करता है परन्तु बहुत बार हम देखते हैं के कुंडली में गजकेसरी योग होने पर भी फलीभूत नहीं होता क्योंकि कहीं न कहीं उस पर पाप प्रभाव पड़ने से योग भंग हो रहा होता है। जब चन्द्र या गुरु का किसी अशुभ ग्रह से संबंध बनाता है तब गजकेसरी राजयोग की स्थिति नहीं बन सकती। जैसे – राहु, केतु, शनि।यदि गजकेसरी योग में बृहस्पति, चन्द्रमाँ के साथ राहु, केतु या शनि हो तो योग फलीभूत नहीं होता। गजकेसरी योग जब पाप भाव (6,8,12) में बने तो भी विशेष फल नहीं करता। वृश्चिक और मकर राशि में बना गजकेसरी योग भी फल नहीं देता क्योंकि यहाँ बृहस्पति और चन्द्रमाँ नीच राशि में होने से कमजोर होते हैं। तो गजकेसरी योग अच्छी स्थिति में बन रहा है या नहीं यह देखना बहुत आवश्यक है।परन्तु ये सभी शुभ फल तभी घटित होते हैं जब गजकेसरी योग अन्य पाप योगो से बाधित न हो रहा हो।

Effect of Gajakesari Yoga in different houses of horoscope कुंडली के विभिन्न भावों में गजकेसरी योग का प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मानव की कुंडली में कुल बारह भाव होते हैं उन सभी भावों में से किसी भी भाव में जब गजकेसरी योग बनता है तब प्रभाव भिन्न होता है।

  1. प्रथम भाव -यदि कुंडली के पहले भाव में यह योग बनता है तो जातक को लोकप्रियता मिलती है। ऐसा व्यक्ति नेता या अभिनेता होता है। उसे देखने के लिए जनता उतावली हो जाती है। वह राजाओं वाला सुख भोगता है। इस योग के प्रभाव से वह व्यक्ति कभी गलत रास्ते पर नहीं जाता।
  2. दूसरा भाव-यदि यह योग कुंडली के दूसरे भाव में बने तो वह जातक किसी अमीर घराने में जन्म लेता है। उसे धन-दौलत की कमी नहीं रहती। ऐसे जातक कथा वाचक अथवा साधु-संत भी हो सकते हैं। इन्हें उत्कृष्ट वाणी का वरदान प्राप्त होता है।
  3. तीसरा भाव- गजकेसरी योग कुंडली के तीसरे भाव में बने तो इससे जातक के साथ उसके भाई-बहन को भी उच्च पद प्राप्त होता है। ऐसा जातक पराक्रमी होता है। और समाज में मान-सम्मान पता है।
  4. चौथा भाव-गजकेसरी योग यदि कुंडली के चौथे भाव में योग बनाए तो जातक को अपनी मां से अत्यंत प्यार मिलता है। उसे भूमि और वाहन की भी प्राप्ति होती है।
  5. पाँचवा भाव-कुंडली के पंचम भाव में यह योग बने तो जातक अपनी बुद्धि के बल पर धन कमाता है। ऐसा जातक स्कूल टीचर, वैज्ञानिक आदि बुद्धिमान प्रवृत्ति वाला पेशेवर होता है। वह उच्च कोटि का लेखक भी हो सकता है। ऐसे जातक को संतान प्राप्ति से अत्यंत सुख मिलता है।
  6. छठा भाव-कुंडली के छठे भाव में यह योग कमजोर होता है। इससे शत्रुओं से हमेशा भय बना रहता है। साथ ही जातक की माता के लिए यह योग ठीक नहीं होता। उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
  7. सातवाँ भाव-कुंडली के सप्तम भाव में यह योग बनने से व्यक्ति का जीवनसाथी किसी उच्च पद पर आसीन होता है। ऐसे जातक की शादी किसी उच्च घराने में होती है। उसका जीवनसाथी उच्च विचारों वाला होता है। और वैवाहिक जीवन सफल होता है।
  8. अष्टम भाव-अष्टम भाव में भी गजकेसरी योग कमजोर होता है। इस योग से जातक गुप्त विद्या, तंत्र विद्या की और आकर्षित हो जाता है। इस योग के जातक तांत्रिक और साधु-संत देखे जाते हैं। यह योग गुप्त धन की प्राप्ति के लिए बनता है।
  9. नवम भाव-कुंडली के नवम भाव (भाग्य स्थान) में गजकेसरी योग बनने से जातक को अपने भाग्य द्वारा सफलता मिलती है। नवम भाव धर्म और भाग्य का भाव माना जाता है। ऐसा जातक अत्यंत की भाग्यशाली होता है।
  10. दशम भाव-यदि गजकेसरी योग दशम भाव में बनता है तो जातक के पिता को उच्च पद प्राप्त होता है। ऐसा जातक भाग्य से अधिक कर्म को महत्व देता है और यह गुण उसे समाज में मान-सम्मान प्राप्त करवाता है।

  11. ग्याहरवां भाव-कुंडली के ग्यारहवें भाव में बनने वाला गजकेसरी योग आय के स्रोत बढ़ाता है। ऐसे व्यक्ति को कई जगहों से धन लाभ होता है। ऐसा व्यक्ति घर बैठे भी पैसा कमाता है। और बिना ज्यादा मेहनत किए ही वह धन अर्जित कर लेता है।

  12. बारहवां भाव-कुंडली के बारहवें भाव में गजकेसरी योग कमजोर होता है। इससे जातक धर्म-कर्म पर पैसा खर्च करने वाला हो जाता है।

Gajakesari Yoga formed in different zodiac signs विभिन्न राशियो मे बनने वाला गजकेसरी योग  :-

  1. अगर गजकेसरी योग मंगल के प्रतिनिधित्व वाली राशियों मेष अथवा वृश्चिक राशि में बनता है तो यह योग व्यक्ति को साहस, सामर्थ्य, शक्ति और शत्रुओं का दमन करने में परिपूर्ण बनाता है। ऐसा व्यक्ति जीवन में उच्च सरकारी पदों पर पहुंचने में सक्षम होता है और रक्षा विभाग, आर्मी, नेवी, एयर फोर्स, पुलिस या इसी तरह के रक्षात्मक कार्यों में लगे संगठनों में उच्च अधिकारी बन सकता है।

ऐसा व्यक्ति एक मजबूत व्यवसायी अथवा व्यापारी बन सकता है। इस योग में बनने वाला गजकेसरी योग व्यक्ति को एक सफल डॉक्टर या मशीनों और दवाइयों अथवा केमिकल के काम में सफलता देता है और हॉस्पिटल आदि से जोड़कर या उपरोक्त कार्यों में से किसी कार्य को करके व्यक्ति धनवान बन जाता है।

  1. यदि शुक्र की राशि वृषभ अथवा तुला में गजकेसरी योग का निर्माण होता है तो इस योग के कारण व्यक्ति के अंदर कलात्मकता की बढ़ोतरी होती है। उसमें अभिनय क्षमता आती है और वह एक अच्छा अभिनेता बन सकता है। उसके अंदर कौशल और कला होती है। उसको भू संपत्ति का अत्यंत लाभ मिलता है और जीवन में समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। ऐसे व्यक्ति कृषि से संबंधित कार्य अथवा नृत्य, मॉडलिंग, गायन, अभिनय, चित्रकला संगीत और फिल्म डायरेक्शन या फिल्म निर्माण से जुड़े कार्यों से जुड़कर जीवन में सफलता अर्जित करता है और वह लोकप्रिय भी होता है।
  2. यदि गजकेसरी योग बुध ग्रह की राशियों अर्थात् मिथुन या कन्या में निर्मित हो रहा हो तो यह व्यक्ति को अत्यंत ही विद्वान बनाता है। उसकी बुद्धि तेज होती है और उसकी स्मरण शक्ति भी कमाल की होती है। ऐसा व्यक्ति बहुत ज्ञानी होता है और किसी बड़े शैक्षिक संस्थान का मुखिया भी बन सकता है। उसके पास अतुलनीय धन और संपदा होती है तथा व्यापार से भी वह अच्छा नाम और पैसा कमा सकता है। अक्सर ऐसे लोग स्टॉक मार्केट में ऊंचा नाम कमाते हैं और किसी भी वित्तीय संस्थान या इंश्योरेंस सेक्टर में काम करते हुए तरक्की करते हैं।
  3. गजकेसरी योग यदि चंद्रमा की कर्क राशि अथवा सूर्य की सिंह राशि में निर्मित हो रहा हो तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में उच्चतम पद और सामाजिक स्तर की प्राप्ति होती है। वह लोगों का नेतृत्व करने में सक्षम होता है और अपनी शान को महत्व देता है। ऐसा व्यक्ति सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता है। उसके पास अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण साजो समान और अनेकों रत्न हो सकते हैं। आभूषणों का उसे विशेष स्नेह होता है। ऐसा व्यक्ति कोई बड़ा मंत्री अथवा सांसद बन सकता है या कोई राजदूत या किसी एस्टेट का मालिक बन सकता है। ऐसे लोग जमींदारी के काम में भी सफल होते हैं।
  4. यदि गजकेसरी योग का निर्माण बृहस्पति ग्रह से संबंधित राशियों अर्थात् धनु अथवा मीन राशि में हो रहा हो तो यह योग व्यक्ति को उच्च नेतृत्व क्षमता, साहस, मान – सम्मान और ज्ञान प्रदान करता है। ऐसा व्यक्ति निर्णय लेने में देर नहीं लगाता और दूरदर्शी सोच का स्वामी होता है। ऐसे व्यक्ति का सामाजिक दायरा काफी बड़ा होता है और उसमें समाज के गणमान्य और रसूखदार व्यक्ति शामिल होते हैं। ऐसे व्यक्ति के पास अकूत धन होता है और राजनीति के क्षेत्र में भी वह व्यक्ति नाम कमाता है। वह व्यक्ति कोई बड़ा मंत्री अथवा राजनेता बन सकता है या बड़ा नौकरशाह भी बन सकता है। व्यक्ति का जीवन प्रभावशाली होता है और उसके बड़े-बड़े लोगों से संबंध होते हैं।
  5. यदि शनि ग्रह के स्वामित्व वाली मकर अथवा कुंभ राशियों से गजकेसरी योग का संबंध बन रहा हो तो ऐसे योग वाला व्यक्ति अतुलित धन का स्वामी होता है और जीवन में आर्थिक समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती। ऐसा व्यक्ति कठोर परिश्रम करके स्वयं को मजबूत बनाता है और जीवन में सभी सुख सुविधाओं को प्राप्त करता है। ऐसा व्यक्ति स्वावलंबी होता है और अपनी मेहनत के बल पर अपने भाग्य का निर्माण करता है। ऐसा व्यक्ति खदानों, तेल, बिल्डिंग निर्माण, रियल एस्टेट से संबंधित कामों में उच्च सफलता प्राप्त कर सकता है।

Result of Gaja Kesari Yoga गजकेसरी योग के फल 

गजकेसरी योग में गज (हाथी) व केसरी (सिंह) दोनों ही जानवर प्रकृ्ति से सबसे प्रभावशाली व शक्तिशाली है. ऋषि परासर के अनुसार गजकेसरी योग के फलस्वरुप व्यक्ति योग्य, कुशल, राजसी सुखों को भोगने वाला, जीवन में उच्च पद, अति बुद्धिशाली, वाद-विवाद व भाषण में निपुण होता है.

गज को बुद्धिमता व ज्ञान के प्रतीक के रुप में जाता है. गज अर्थात हाथी में अपने योग्यता का अभिमान नहीं होता है. उसे अपनी ताकत का समझ -बूझ कर प्रयोग करना आता है. यह योग व्यक्ति को यशस्वी व कुशाग्र बुद्धि वाला बनाता है. गजकेसरी योग के कारण व्यक्ति की आयु में भी वृ्द्धि होती है.जिस व्यक्ति की जन्म कुण्डली में गजकेसरी योग होता है, उसमें भी उपरोक्त सभी गुण व सुख प्राप्त होने की संभावनाएं बनती है.

सभी ग्रहों में ग्रुरु को धन का कारक ग्रह कहा है. चन्द्र भी तरल धन के कारक ग्रह के रुप में जाने जाते है. यही कारण है कि यह माना जाता है कि यह योग उतम रुप में बने तो व्यक्ति को "गज" के समान धन प्राप्त होने की संभावनाएं देता है. अर्थात इस योग के फलस्वरुप व्यक्ति को जीवन में अत्यधिक धन प्राप्ति के अवसर प्राप्त हो सकते है। यह योग हाथी व शेर के संयोग से बनता है इसलिये इस योग का व्यक्ति सिंह के समान अपने शत्रुओं को हराने वाला, शत्रुओं पर अपना प्रभाव बनाये रखने वाला, परिवक्व वाणी, सभाओं में उच्च पद, अधिकारिक शक्तियां पाने वाला, चतुर बुद्धि व नियोजन करने के बाद कार्य करने वाला बनाता है. चूंकि यह योग गुरु से बन रहा है इसलिये व्यक्ति को धन लाभ की प्राप्ति भी होती है.  

Jyotish Ka Adabhut yog Gajkeshari Yog


Partial and negative combination of Gajakesari Yoga गजकेसरी योग का आंशिक एवं नकारात्मक संयोग

जब यह योग मकर राशि में बृहस्पति ग्रह के साथ बनता है तो बृहस्पति नीच का होकर इस योग को बलहीन बना देता है।
इसके अलावा, जब बृहस्पति वृषभ, मिथुन, कन्या या तुला राशि में होता है, तो योग कमजोर हो जाता है क्योंकि बृहस्पति अपने शत्रु की राशि में मौजूद होता है, जिससे वह कमजोर हो जाता है और अपनी ताकत खो देता है।
बृहस्पति को 6, 8 और 12वें भाव में नहीं रखना चाहिए।
इसी प्रकार, जब चंद्रमा नीच राशि या शत्रु राशि जैसे वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर या कुंभ राशि में होता है, तब भी गज केसरी योग अपनी शक्ति खो देता है।
प्राथमिक कुंडली में चंद्रमा छठे, आठवें या बारहवें भाव में नहीं होना चाहिए। आप मानसिक रूप से विषैले रहेंगे और कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करेंगे।
चंद्रमा सूर्य से कम से कम चार घर की दूरी पर नहीं होना चाहिए। अन्यथा चंद्रमा का शुभ फल खराब हो जाएगा।
चंद्रमा पर केमद्रुम योग नहीं होना चाहिए। यह चंद्रमा की चमक को ख़राब कर देता है।
चंद्रमा वृश्चिक राशि में नहीं होना चाहिए. आपको काफी संघर्षों का सामना करना पड़ेगा।
गज केसरी योग बनाते समय केन्द्राधिपति दोष नहीं होना चाहिए, अन्यथा यह शुभ फल प्रदान नहीं करेगा।
बृहस्पति और चंद्रमा की दहन अवस्था को गज केसरी योग नहीं माना जाएगा क्योंकि दोनों ग्रह अपनी ताकत खो चुके हैं और कमजोर हो गए हैं।

What should be done to increase the effect of Gajakesari Yoga?

गजकेसरी योग के प्रभाव को बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?

धार्मिक रीति रिवाज का पालन करना चाहिए
नियमित जीवन  अपनाएं और सुबह जल्दी उठे ।
आलस्य से बचें,अपना कम सही समय पर करे।
उदार बनें और जरूरत मंद व गरीब लोगों को अपनी सुविधा के अनुसार चीजें दान करें।
पैसा कमाने के लिए गलत मार्ग अपनाने से बचें।

Celebrities with Gajakesari Yoga गजकेसरी योग वाली हस्तियाँ-

भगवान श्री राम 

ये योग भगवान श्री राम की कुंडली मे भी था।उनकी जनम कुंडली मे ये योग सर्वश्रेष्ठ अवस्था मे था। क्युकी उनका चंद्र स्वयं के घर में स्वगृही था और गुरु कर्क राशि में स्थित होकर अपनी उच्च राशि में था। ये दोनों ग्रह प्रथम स्थान में स्थित थे।

नरेंद्र मोदी (भारत के प्रधान मंत्री)

भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में गज केसरी योग है, जिसमें द्वितीय और पंचमेश बृहस्पति चौथे घर में स्थित हैं और लग्न में चंद्रमा अपने ही घर वृश्चिक में शक्तिशाली मंगल के साथ युति बना रहा है, जो गज केसरी योग का एक असाधारण रूप है। उनके पेशेवर जीवन को ऊंचा उठाया और उन्हें देश का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बना दिया।
वह एक आध्यात्मिक आत्मा हैं जिन्होंने कई आध्यात्मिक अभ्यास किए हैं और आंतरिक शांति प्राप्त की है। वह भारत के ईमानदार, समर्पित और परिणामोन्मुखी सरकारी कर्मचारी हैं। उन्होंने अपने जीवन के मध्य आयु में राजनीति में प्रवेश किया और फिर अपने दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास से भारत के प्रधान मंत्री बने।

अमिताभ बच्चन 

अपने आप में एक किंवदंती, श्री अमिताभ बच्चन की कुंडली में गजकेसरी योग है, जिसमें छठे घर में उच्च बृहस्पति है, जबकि नौवें घर में चंद्रमा तुला राशि में है, जिसने दशा और परिवर्तनीय प्रभाव के दौरान उनके जीवन को ऊपर उठाया है।
उन्हें प्यार से बिग बी के नाम से जाना जाता है और उन्होंने 50 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय सिनेमा उद्योग पर राज किया है। वह एक अभिनेता, फिल्म निर्माता, सबसे लंबे समय तक चलने वाले टीवी शो के सबसे मजबूत टेलीविजन होस्ट में से एक, एक पूर्व राजनेता हैं।
उन्होंने एक प्रेरणादायक जीवन जीया है, जिसमें गरीबी से अमीरी तक पहुंचना, फिर से गरीबी में आना और फिर से अमीरी हासिल करना शामिल है और इस बार अपनी स्थिरता पर सबसे मजबूत पकड़ हासिल करना शामिल है। वह दुनिया भर में जाने जाते हैं और पूजनीय हैं।

जो बिडेन (अमेरिकी राजनीतिज्ञ)

वह एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका के 46वें और वर्तमान राष्ट्रपति और संयुक्त राज्य अमेरिका के एक लोकतांत्रिक राष्ट्रपति हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य, उन्होंने पहले 47वें उपराष्ट्रपति बराक ओबामा के उत्तराधिकारी के रूप में कार्य किया और 1973 से 2009 तक संयुक्त राज्य सीनेट में डेलावेयर का प्रतिनिधित्व किया।
उनके पास वर्गोत्तम बृहस्पति अपनी उच्चता की ओर बढ़ रहा है, जो 9वें घर में स्थित है, और चंद्रमा 6वें घर में है, जो उच्च स्तर का गजकेसरी योग बनाता है, जिसने उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति की सीट दी है, जो दुनिया भर में सबसे शक्तिशाली सीट है। . यह पद उन्हें बृहस्पति की दशा में प्राप्त हुआ।
गजकेसरी योग वाले अन्य उल्लेखनीय लोग
महात्मा गांधी
डेविड कैमरून (पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री)
जार्ज कैनेडी
बिल क्लिंटन
रणवीर कपूर ( फिल्म स्टार)
राहूल द्रविड ( क्रिकेट खिलाडी) https://www.pinterest.com/pin/672091944418255778/

frequently Asked question अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

  1. कुंडली के प्रथम भाव में गजकेसरी योग होने से क्या होता है ?
  2. कुंडली के प्रथम भाव में गजकेसरी योग होने से व्यक्ति नेता या अभिनेता बनता है। वह जनता में अपना प्रभाव स्थापित कर लेता है। ऐसा व्यक्ति ईश्वर में आस्था रखता है। और यह राजयोग व्यक्ति को गलत राह पर जाने से रोकता है।
  3. जनम कुंडली में गजकेसरी योग कैसे बनता है?
    गजकेसरी योग गुरु अथवा बृहस्पति और ग्रह चंद्रमा के योग से बनता है। यह अत्यंत ही शुभ योग माना जाता है और कुंडली में बनने वाले अनेक धन योगों में यह सबसे प्रबल होता है।
  4. क्या गुरु और चंद्रमा से ही गजकेसरी योग का निर्माण होता है ?
    गजकेसरी योग का गुरू और चन्द्र ग्रह से संबंध – जिस जातक की कुंडली में यह योग होता है वह गज के समान शक्तिशाली और सिंह के समान साहसी होता है। उस जातक में सिंह और हाथी की विशेषताएँ होती हैं जिससे वह सफलता अर्जित करता है।
  5. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कितने प्रकार के राजयोग होते हैं?
    ज्योतिष शास्त्र में कुल 32 प्रकार के राजयोग बताये गये हैं। इनमें से कुछ प्रमुख राजयोग हैं – गजकेसरी योग, हंस योग, शस योग, रूचक योग, नीचभंग, बुधादित्य।
  6. गजकेसरी राजयोग का कुंडली के बारहवें भाव पर प्रभाव?
    इस भाव में गजकेसरी राजयोग कमजोर स्थिति में होता है। इसका अधिक सकारात्मक प्रभाव नहीं होता है। इससे जातक खर्चीले स्वभाव का हो जाता है।

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