The most dangerous combination in astrology
ज्योतिष शास्त्र का सबसे खतरनाक योग
जीवन में कई ऐसे योग होते हैं जो हमको शुभ फल प्रदान करते हैं. जिससे हमे जीवन में यश, एश्वर्य, क्रीति मिलती है. लेकिन कई ग्रह या योग ऐसे होते हैं जो हमें दरिद्र बना देते हैं. इसका अर्थ है आप राजा से सीधा भिखारी बन सकते हैं. आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. आप के बने बनाए सभी काम बिगड़ने लगते हैं.
ऐसे योग को दरिद्र योग कहते हैं. जब आपकी समस्याएं खत्म होने का नाम ना लें, जब आपका मान, सम्मान, धन नाम खराब होने लगे तो समझे आप पर दरिद्र योग है.
जब कोई शिशु जन्म लेता है तो उस समय उस बच्चे के कुंडली में कई योग बनते हैं. उस योग का असर उस बच्चे के जीवन पर पड़ता है. जिसके हिसाब से उसको फल मिलता है. शुभ योग हो तो उसको जीवन में खूब तरक्की मिलती है वहीं अशुभ योग हो तो जिंदगी में दिक्कतें आती हैं.
जब व्यक्ति की कुंडली में अगर शुभ योग होंगे, तो व्यक्ति जीवन में तरक्की करेगा और अपार सफलता, धन और यश हासिल कर सकता है। लेकिन अगर अशुभ योग बन रहे हों, तो सारा जीवन संघर्ष में कट सकता है। खास तौर पर अगर आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हो रही हो, तो ज्योतिष शास्त्र में इसे दरिद्र योग कहा जाता है। अगर किसी इंसान की कुंडली में दरिद्र योग बन जाए तो जीवनभर उसे बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों के बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं। हालांकि ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कुछ उपाय बताए गए हैं जिनके प्रयोग से दरिद्र योग को निष्क्रिय किया जा सकता है।
When is Daridra Yoga formed?
कब बनता है दरिद्र योग
ग्रहों का टकराव
जब जातक की कुंडली में कोई 2 अच्छे और बुरे ग्रह एक दूसरे से टकरा जाते हैं तो बुरे ग्रह की दृष्टि शुभ ग्रह पर पड़ जाती है जिस वजह से जातक की कुंडली में दरिद्र दोष लगता है।
11वें घर का स्वामी
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जातक की कुंडली के 11वें घर का स्वामी यदि 6, 8 और 12 घर में प्रवेश करता है तो उस दौरान जातक की कुंडली में दरिद्र योग का निर्माण होता है। इस योग के बनने से जातक कंगाल होने की स्थिति में चला जाता है भले ही इस योग से पहले उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी अवस्था में हो।
पाप ग्रहों का केंद्र में होना
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु यह सब पाप ग्रह कुंडली के केंद्र में प्रवेश करें और धनेश नीच स्थिति में और लग्न निर्बल अवस्था में मौजूद हो तो यह दरिद्र योग कहलाता है। इस योग से निकलना मुश्किल हो पाता है परन्तु निकाला जा सकता है।
नीच ग्रहों का धन भाव में स्थित होना
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जातक की कुंडली में नीच ग्रहों का धन भाव में स्थित होना और शुभ ग्रहों का केंद्र में मौजूद होना, जातक के लिए यह योग नाश की निशानी साबित होता है। इसके बनने से वह तेजी से गरीबी की ओर जाने लगता है। यह बहुत खतरनाक योग होता है।
धन गुरु से निचले साथ पर नीच ग्रह का होना
जातक की कुंडली में यदि धन गुरु से निचले स्थान पर कोई नीच ग्रह दूसरे, चौथे और पांचवें में प्रवेश कर जाता है तो जातक के लिए यह योग अशुभ होता है यह योग उसकी दरिद्रता का कारण होता है।
चन्द्रमा का चौथे स्थान पर होना
यदि जातक की कुंडली में चन्द्रमा ग्रह चौथे स्थान पर है और उसके नीचे सूर्य, मंगल, शनि, राहु और केतु बैठे हैं तो यह योग जातक की कुंडली में दरिद्र योग उत्पन्न करता है।
धन स्वामी का त्रिक भाव में होना
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार धन स्वामी यदि त्रिक भाव में प्रवेश करें और किसी पाप ग्रह से टकरा जाएँ तो इस स्थिति में जातक आर्थिक तंगी का शिकार होने लगता है और धीरे धीरे वह कंगाल हो जाता है।
धन गुरु का जातक की राशि में न होना
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि जातक की कुंडली में धन गुरु छठे घर और 12 घर में बैठा हो परन्तु जातक की राशि में प्रवेश न कर रहा हो तो इस योग की वजह से जातक की कुंडली में दरिद्र योग बनता है। https://www.pinterest.com/pin/672091944418376934/
How to avoid poor yoga
कैसे बचें दरिद्र योग से
- ज्योतिषशास्त्र में दरिद्र योग से बचने के भी कुछ उपाय बताए गए हैं.
- जातकों को हमेशा अपने माता-पिता और जीवन साथी का सम्मान करना चाहिए.
- जिन पर दरिद्र योग है उन लोगों को गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना चाहिए.
- गीता के 11 अध्याय का पाठ करें.
- तीन धातु का कड़ा या छल्ला पहनें.
- अपने घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाना चाहिए.
- तीन धातु का छल्ला मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए या फिर तीन धातु का कड़ा भी हाथ में धारण कर सकते हैं.
- इसके अलावा दरिद्र योग के नाश के लिए गीता के 11 अध्याय का पाठ करना सबसे उत्तम माना जाता है.
- धन की दरिद्रता होने पर कनक धारा स्तोत्र का पाठ करें।
- वहीं आय में शनि से संबंधित परेशानी हो, तो हर शनिवार को उपवास करें और पीपल के पेड़ की जड़ में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- सुबह जल्दी उठकर धन की देवी माता लक्ष्मी के आगे धूपबत्ती और गाय के घी की ज्योत जलानी चाहिए और प्रतिदिन पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके घर का आर्थिक संकट दूर होता है और जीवन में तरक्की होती है।
- मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर उनके चरणों में मिठाई, कुमकुम, केले और दूसरे फलों को अर्पित करें। इसके बाद बचे हुए मिठाई और प्रसाद को गरीबों को दान कर दें। ज्यादा से ज्यादा दान करने से कुंडली से दरिद्र योग हट जाता है।
- शुक्रवार के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का एक साथ पूजन करें, और उनसे घर की आर्थिक स्थिति को ठीक करने की प्रार्थना करें।
- रोज शाम के समय पूजा घर में गाय के घी का दीपक जला कर हनुमान चालीसा और माता लक्ष्मी की आरती करें इसके साथ ही विष्णु कवच का पाठ करें।
- लक्ष्मी माता के नाम का एक हवन कराएं और ऊँ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा: इस मंत्र को बोलकर 108 बार हवन में आहुति दें। इस मंत्र की आहुति माता लक्ष्मी को अर्पित होती हैं जिससे धन की समस्या दूर होती है। साथ के साथ कुबेर जी का भी ध्यान करें।
- अपने घर के अंदर उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए और सूर्योदय से पहले उसमें जल अर्पित करें शाम के समय तुलसी के पास एक शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाएं। यह उपाय करने से जातक की कुंडली से दरिद्रता दूर होगी और आर्थिक संकट कभी नहीं आएगा।
- यदि आप कोई नया व्यापार शुरू करने जा रहे हैं या आपको व्यापार में करने में आर्थिक संकट आ रहा है, तो आपको अपने व्यापार शुरू करने से पहले कुबेर यंत्र और लक्ष्मी यंत्र को स्थापित करना चाहिए। कुबेर यंत्र और लक्ष्मी यंत्र को स्थापित करने से व्यापार हो घर में धन की कमी दूर होती है और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है।
- हफ्ते में एक दिन गरीबों को अन्न दान किया जाये तो लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं और जातक के घर को धन से भर देती हैं।
- शुक्रवार के दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल देकर लक्ष्मी माता का पूजन करना चाहिए और इस दौरान मखाना, सिंघाड़ा, बताशे, ईख, हलुआ, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात इन सभी चीज़ों का भोग लगाना चाहिए।
- सुबह जल्दी उठें और गणेश भगवान के मंदिर जाकर गणेश जी के चरणों पर पुष्प, मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। शाम के समय घर में ही गणेश भगवान की आरती करने से जातक की कुंडली से दरिद्र योग हट जाता है। यह दरिद्र योग के उपाय में सबसे अच्छा उपाय है।
conclusion
निष्कर्ष
किसी व्यक्ति के जन्म के साथ ही उसके जन्म के ग्रह ही व्यक्ति के जीवन की सभी स्थितियों के साथ-साथ उसकी आर्थिक स्थिति, धन की स्थिति, आय और आय के साधनों का निर्धारण करते हैं। जब कुंडली में दरिद्र योग से संबंधित ग्रह की अंतर्दशा आती है तो अमीर भी भिखारी बन जाता है। अगर आप दरिद्र योग के बारे में अधिक जानकारी या इससे बचने के उपाय जानना चाहते हैं तो ज्योतिषियों से संपर्क करें ।
frequently Asked question:-
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:-
1. दरिद्र योग क्यों बनता है?
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जिस समय जातक की कुंडली में कोई 2 अच्छे और बुरे योग आपस में एक दूसरे के सामने आते हैं, उस समय कुंडली में दरिद्र योग बनता है।
2. कुंडली से दरिद्र योग दूर करने का सबसे सरल उपाय कौन सा है?
दरिद्र योग दूर करने के लक्ष्मी माता और कुबेर जी की सही विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। पूजा करने के बाद गरीबों में मिठाई इत्यादि का प्रसाद बांटना चाहिए।
3. क्या कुंडली में शनि दोष होने से भी दरिद्र योग बनता है?
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि जातक की कुंडली में शनि दोष लगा है तो भी जातक दरिद्र योग का शिकार बनता है।
4. क्या गरीबों में अन्न दान से दरिद्र दोष दूर होता है?
गरीबों में अन्न दान करने से दरिद्र दोष दूर होता है और जितना जातक दान करता है उसको उसका दोगुना प्राप्त होता है।
5. क्या दरिद्र योग जातक की कुंडली में बचपन से ही होता है?
यह इस बात पर निर्भर करता है की जातक का जन्म किस योग में हुआ है, यदि उसका जन्म दरिद्र योग में हुआ है तो वह जन्म से ही दरिद्र योग का शिकार रहेगा। अन्यथा यह पूरे जीवन में किसी भी समय बन सकता है।
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