Beutyful Yog in Janam Kundali Malavya yog
जन्म कुंडली मे निर्मित होने वाला अति सुंदर राजयोग
बहुत से लोग सुंदर,हंसमुख्, स्टाइलिश, सुरुचिपूर्ण होते है, जिनहे देखकर एसा लगता है की ये जनम से ही सुंदर जीवन भाग्य मे लिखवा कर आए है,एसे लोगो की जनम कुंडली मे अक्सर हमे मालव्य योग जो पंच महापुरुष योग या राज योग में से एक है, दिखाई दे जाता है। यह शुक्र ग्रह के विशिष्ट भावों में और वह भी विशिष्ट राशियों में स्थित होने से बनता है। ऐसे लोग दिखने में अच्छे, कलात्मक, बुद्धिमान, प्रसिद्ध, हास्य कलाकार और जीवन में सभी भौतिक सुखों और समृद्धि पाते हैं। इनका भाग्य बलवान होता है। ये लोग भाग्य की बदौलत सुख समृद्धि भी पाते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह स्त्री, सौंदर्य, कूटनीति, व्यापार, विलासिता, प्रेम जीवन, आराम, रचनात्मकता, कला और कई अन्य अच्छी चीजों से जुड़ा है। शुक्र ग्रह को ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्त्री प्रधान ग्रह भी कहां गया है सभी प्रकार के सुख और समृद्धि का मुख्य ग्रह शुक्र को ही कहा गया है किसी भी जातक के जीवन में जितने भी भौतिक सुख जातक को प्राप्त होते हैं उस सभी भौतिक सुख हमें शुक्र ग्रह से ही प्राप्त होते हैं शुक्र ग्रह का प्रमुख नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा है। जिन जातकों की जन्म कुंडली में मालव्य योग होता है उन जातकों को शुक्र ग्रह विशेष फल देने की विशेष क्षमता प्राप्त कर लेता है।
जातक जिनका जन्म मालव्य योग मे हुआ है-
कुंडली में मालव्य योग ने जन्म लेने वाला जातक बेहद आकर्षक चुंबकीय व्यक्तित्व से लैस अन्य लोग और विशेष तौर पर विपरीत लिंगी को बहुत ही जल्द अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है मालव्य योग में जन्म लेने वाले जातक की सुंदर आंखें ऊंची नाक पतली कमर शाही आवाज बेहद सुंदर रुप जातक के हाथ पैर पर कमल के निशान या मछली के निशान शंख या कमल के निशान होते हैं ऐसे जातक दिखने में ही इतने आकर्षक होते हैं कि दूसरे लोग इनके प्रति खींचते चले आते हैं ऐसे जातक बुद्धिमान हास्य प्रसिद्धि जीवन में सभी भौतिक सुखो और समृद्धि मैं जीवन व्यतीत करना इनका अधिकार होता है साथ ही खुले विचार वाले दृढ़ निश्चय भाग्यशाली और शक्तिशाली होते हैं, ऐसे जातक महंगी गाड़ियां लग्जरियस घर और लग्जरियस लाइफ जीना पसंद करते हैं और अपने जीवनसाथी और बच्चों के , साथ भौतिकवादी सुखों का भरपूर आनंद उठाते हैं। लेकिन मालव्य योग कैसे बनता है इसे समझने की आवश्यकता है। ज्योतिष शस्त्र के अनुसार मालव्य योग का अर्थ
जनम कुंडली मे मालव्य योग तब बनता है जब शुक्र जन्म कुंडली में केंद्र भाव पहले, चौथे, सातवें या दसवें में से किसी एक में मजबूत स्थिति में होता है। योग का नाम माल अर्थात द्रव्य व सम्पदा से लिया गया है। इन प्रमुख घरों में शुक्र की उपस्थिति इस अत्यधिक अनुकूल योग के निर्माण में योगदान करती है।
what is Malavya Yog in Astrology ज्योतिष में मालव्य योग क्या है?
जब शुक्र ग्रह वृष, तुला या मीन राशि में स्थित हो और केंद्र भाव में से किसी एक में अर्थात लग्न से 1, 4, 7 या 10वें भाव में हो तो मालव्य योग बनता है। शुक्र वृषभ और तुला राशियों का स्वामी है और मीन राशि में उच्च का होता है। इस योग की शक्ति शुक्र की शक्ति और शुक्र पर अन्य शुभ ग्रहों के प्रभाव पर निर्भर करेगी। यदि शुक्र 5 से 25 डिग्री के बीच हो और मंगल, शनि , राहु और केतु जैसे अशुभ ग्रहों से दृष्ट या युत न हो तो जातक के जीवन पर इस योग का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्रह 6ठे, 8वें या 12वें भाव के स्वामी से पीड़ित नहीं होना चाहिए तथा नवांश में नीच का नहीं होना चाहिए। साथ ही ग्रह वक्री गति में नहीं होना चाहिए।मालव्य योग के प्रभाव को प्रकट करने के लिए शुक्र का केंद्र भाव में मजबूत और लाभकारी होना आवश्यक है। यह योग तब अधिक प्रबल होता है जब शुक्र अपनी ही राशि (वृषभ या तुला) में हो या उच्च राशि मीन में हो। हालाँकि, भले ही शुक्र अपनी राशि में न हो या उच्च राशि में न हो, फिर भी केंद्र भाव में अच्छी तरह से स्थित शुक्र मालव्य योग के शुभ प्रभाव पैदा कर सकता है।
आयुर्वेदिक डॉक्टरों, कॉस्मेटिक और प्लास्टिक सर्जनों, इंटीरियर डेकोरेटर्स, फोटोग्राफरों, ज्योतिषियों,मेरीज ब्यूरो, टीवी होस्ट, ब्यूटीशियन, टेली या फिल्म अभिनेताओं, फैशन डिजाइनर, मीडिया प्लानर,संगीतकार, मॉडल, गायक, दवा निर्माताओं के लिए योग अधिक अनुकूल परिणाम दिखाता है। , और कई अन्य प्रकार के लोग जो शुक्र से जुड़े हैं या उससे संबन्धित कार्य करते हैं।
मालव्य योग कुंडली की लग्न से लेकर दशम भाव तक का फल-
- कुंडली के लग्न में शुक्र द्वारा निर्मित मालव्य योग बनाने से जातक सुंदर व्यवसायिक सफलता तथा प्रसिद्ध आदि प्राप्त कर लेता है
- कुंडली के चौथे भाव यानि सुख भाव में मालव्य योग बनने से जातक को विवाह संपत्ति विदेश यात्रा विलासिता पूर्ण जीवन लग्जरी वाहन बेहतरीन घर प्राप्त होता है
- कुंडली के सप्तम भाव में बनाने वाला मालव्य योग जातक बिज़नस फिल्म इंडस्ट्री फैशन जगत सौंदर्य प्रतियोगिता के द्वारा अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर लेता है साथ ही जातक को सुंदर वह समझदार पत्नी भी प्राप्त होती है
- कुंडली के दशम भाव में बनने वाला मालव्य योग से जातक फिल्म होटल व्यवसाय हवाई सेवा इत्यादि से प्रचुर धन कमाता है
Effect of Malavya yog जनम कुंडली मे मालव्य योग का प्रभाव
- विलासितापूर्ण जीवन शैली: मालव्य योग विलासिता और आराम के जीवन का वादा करता है। यह उच्च गुणवत्ता वाले अनुभवों, सुंदर परिवेश और आरामदायक जीवन स्तर की ओर झुकाव के साथ एक समृद्ध जीवन शैली की क्षमता को इंगित करता है।
- कलात्मक झुकाव: शुक्र कलात्मक क्षमताओं से जुड़ा है, और जब यह केंद्र भाव में स्थित होता है, तो यह व्यक्ति की रचनात्मक प्रतिभा को बढ़ाता है। मालव्य योग से प्रभावित लोगों को संगीत, कला, फैशन या अन्य रचनात्मक गतिविधियों में गहरी रुचि हो सकती है।
- धन और समृद्धि: यह योग वित्तीय सफलता और समृद्धि का प्रतीक है। यह अक्सर धन संचय, वित्तीय स्थिरता और सुरक्षित वित्तीय भविष्य के अवसर लाता है।
- सौहार्दपूर्ण रिश्ते: शुक्र प्रेम का ग्रह है, और केंद्र भाव में इसका प्रभाव सौहार्दपूर्ण और संतुष्टिदायक रिश्तों का सुझाव देता है। मालव्य योग वाले व्यक्ति मजबूत, सहायक साझेदारी और प्रेमपूर्ण पारिवारिक जीवन का आनंद ले सकते हैं।
- आकर्षण और अनुग्रह: मालव्य योग से प्रभावित लोगों को शुक्र प्राकृतिक आकर्षण और अनुग्रह प्रदान करता है। उनके पास अक्सर एक आकर्षक व्यक्तित्व, एक आकर्षक उपस्थिति और दूसरों को सहजता से प्रभावित करने और मंत्रमुग्ध करने की क्षमता होती है।
- करियर में उन्नति: मालव्य योग का प्रभाव किसी के पेशेवर जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे करियर में सफलता, मान्यता और सहकर्मियों और अधिकारियों से समर्थन मिल सकता है।
Effect of Malavya yog कुंडली में मालव्य योग का लाभ
- जिन जातकों की कुंडली में मालव्य योग होता है, उनका व्यक्तित्व आकर्षक और चुंबकीय होता है, जो लोगों और विशेषकर अपने विपरीत लिंग के लोगों को बहुत आसानी से आकर्षित कर लेते है। ये लोग बड़ी आंखों, उभरी हुई नाक और शाही आवाज के साथ एक सुंदर रूपवान होते है। इनके हाथों और पैरों में शंख, कमल या मछली के निशान होंगे।
- एसे जातक सुंदर दिखने वाले, कलात्मक, बुद्धिमान, प्रसिद्ध, शक्तिशाली हास्य की भावना वाले और जीवन में सभी भौतिक सुखों और समृद्धि से युक्त होंगे।
- जातक प्रशंसनीय, खुले विचारों वाले, दृढ़ निश्चयी, शक्तिशाली और भाग्यशाली होते हैं।
- जातक प्रसिद्ध, यशस्वी, अनेक वाहनों का मालिक, उच्च शिक्षित, विलासिता और सुख से भरा जीवन जीने वाला होगा। इन्हें भौतिक सुख के साथ-साथ जीवनसाथी और संतान से भी सुख मिलेगा।
- मालव्य योग जातक को सुंदर और प्यारी पत्नी, व्यापार में सफलता, विलासिता और आराम से भरा जीवन और राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि का आशीर्वाद देता है।
- मालव्ययोग जातकों को अच्छा घर, वाहन, विलासितापूर्ण जीवन सुख और आराम प्रदान करता है।
- शुक्र की महादशा और अन्तर्दशा में यह योग अत्यधिक सक्रिय हो जाता है ।
- महिलाओं की कुंडली में मौजूद मालव्य योग उन्हें बेहद खूबसूरत और आकर्षक बना सकता है। इस योग के प्रबल प्रभाव वाली महिलाएं राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता जीत सकती हैं।
- मालव्य योग वाले जातक मॉडलिंग, सिनेमा, फिल्म और अन्य ऐसे क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं जिनमें सफल होने के लिए सुंदरता और आकर्षण की आवश्यकता होती है। जातक अभिनय, नृत्य, गायन, सौंदर्य प्रसाधन और फैशन के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं।
मालव्य योग कब फल नहीं देता है
कुंडली मे बनने वाले किसी भी शुभ योग का फल प्राप्त करने के लिए शुभ ग्रह या शुभ ग्रह की दृष्टि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है इसलिए मालव योग , के निर्माण के लिए शुभ शुक्र का कुंडली के लग्न चतुर्थ सप्तम दशम भाव में शुभ ता लिए विराजमान हो ना होता है
इसके अलावा शुभ शुक्र पर अशुभ ग्रह का दृष्टि अथवा युक्ति के प्रभाव से भी मालव्य योग नहीं बन पाता और इसका फल जातक को कभी नहीं मिलता है जब
यदि किसी जातक की कुंडली पर खराब शुक्र मीन तुला और वृषभ राशि के पहले विराजमान हो जाता है तब भी मालवीय योग का निर्माण नहीं होता ऐसा जातक खराब और चरित्रहीन बन जाता है और उसके व्यवसाय को भी खत्म कर देता
अगर कुंडली में कालसर्प योग पित्र दोष मांगलिक दोष कुंडली में बनते हैं तो वह भी मालव्य योग के फल को निम्न बना देते हैं और जातक लग्जरी लाइफ जीने के लिए चोरी और गलत तरीके से धन उगाही का कार्य करने लगता है
Famous Personality in Malvya yog प्रख्यात व्यक्तित्व
जयललिता, सानिया मिर्जा, श्री आर.के. धवन और सोनिया गांधी कुछ प्रमुख हस्तियां हैं जिनकी कुंडली में मालव्य योग है।
ज्योतिष शास्त्र की गणना कहती है कि किसी जातक की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और दशवें भाव में शुक्र का अपनी स्वराशि वृषभ और तुला में या अपनी उच्च राशि मीन में स्थित होने पर मालव्य योग बनाता है।
इस योग का शुभ प्रभाव जब जातक पर पड़ता है तो व्यक्ति बहुत साहसी, तर्कसंगत, मोटिवेटर, आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी बनता है।
करियर की बात करें तो मालव्य योग के प्रभाव से जातक शोबिज इंडस्ट्री में ऊंचा मुकाम पाता है। ऐसे लोग योग मीडिया प्लानर, ब्यूटी एक्सपर्ट, इंटीरियर डेकोरेटर, वैडिंग औऱ ईवेंट फोटोग्राफर, एस्ट्रोलॉजर, टीवी होस्ट, टीवी एंकर, टीवी या मूवी एक्टर, फैशन डिजाइनर, संगीतकार, मॉडल, गायक, डॉक्टर और मोटिवेशनल स्पीकर आदि बनते हैं। इन्हें इनके प्रेरित करने वाले गुणों के चलते सफलता मिलती है।
मालव्य योग में जन्मे जातकों के पास एक आकर्षक और इंसपायर करने वाली पर्सनैलिटी होती है जो दुनिया में सामने वाले लोगों और विशेष रूप से विपरीत लिंग के लोगों को आकर्षित करती है।
सीमाएँ और विचार:
जबकि मालव्य योग को अत्यधिक शुभ माना जाता है, इसके प्रभाव को अन्य ग्रहों के पहलुओं और जन्म कुंडली की समग्र शक्ति से संशोधित या प्रभावित किया जा सकता है। शुक्र पर अशुभ प्रभाव या प्रतिकूल दृष्टि योग के शुभ प्रभावों को कमजोर या प्रभावित कर सकती है।
साथ ही, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यद्यपि ज्योतिष मार्गदर्शन प्रदान करता है, लेकिन यह किसी व्यक्ति के भाग्य का निर्धारण नहीं करता है। व्यक्तिगत पसंद, प्रयास और बाहरी परिस्थितियाँ किसी व्यक्ति के जीवन के परिणामों में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
निष्कर्ष Conclusion :
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह को आध्यात्मिकता के भाव से भी देखा जाता है, जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह अति मजबूत स्थिति में पाया जाता है उसे अपने जीवन में कभी भी धन ऐश्वर्य सुख की कमी कभी नहीं पड़ती शुक्र ग्रह वैवाहिक जीवन को खुशहाल वैवाहिक जीवन की गारंटी देता है इस पोस्ट मे आप लोगों ने जाना की मालव्य योग का निर्माण कुंडली में कैसे होता है। आप इस तरह के वैदिक ज्योतिष के सभी योग राजयोग कैसे फलित होते हैं और कैसे बनते हैं। आपने इस पोस्ट के माध्यम से आपने जान लिया होगा।
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