Thursday, November 23, 2023

Guru Chandal Yog in Janam Kundali


Guru Chandal Yog in Janam Kundali  गुरु चांडाल योग

Guru Chandal Yog Introduction परिचय 

ज्योतिष में कई ऐसे दोष होते हैं जिनका मनुष्य जीवन पर बुरा असर होता है। इन्हीं दोषो में से एक है गुरु–चांडाल दोष । जानिए गुरु चांडाल दोष कैसे बनता है |
नव ग्रहों में गुरु गृह को शुभ माना है. किसी भी कार्य के सफल या असफल होने के पीछे गुरु ग्रह की स्थिति बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।

गुरु का राहु से युति करने से गुरु चांडाल दोष का निर्माण होता है। जब भी जन्मकुंडली में गुरु और राहु ग्रह एक ही राशि में विराजमान होते तो यह माना जाता है कि कुंडली में गुरु चांडाल दोष है। यदि किसी की जन्मकुंडली में गुरु (बृहस्पति) के साथ राहु की युति है अथवा गुरु का राहु के साथ दृष्टि संबंध बन रहा हो तो ऐसी स्थिति में कुंडली में गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है।

जन्मकुंडली में कही भी राहु बृहस्पति युति हो तो ये दोष बुरे परिणाम ही देता है। इसमें भी यदि ये दोष लग्न में, पंचम भाव में या नवम भाव में हो तो इसके अधिक नकारात्मक परिणाम देखे जा सकते है।

Guru Chandal Yog in Kundali


Symptoms of Guru Chandal Dosh गुरु चांडाल दोष के लक्षण -

इस दोष का अच्छा या बुरा परिणाम जन्म कुंडली में बृहस्पति की स्थिति पर निर्भर करता है।
इस दोष का प्रभाव इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह योग किस भाव में बना है।
यह युति व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। इस योग को अन्य ग्रह भी प्रभावित करते हैं।
गुरु चांडाल दोष में व्यक्ति गलत संगत में पड़ जाता है। ऐसे लोग जुआ और नशा करने लगते हैं।
जातक के जीवन से धीरे-धीरे सुख-शांति धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
व्यक्ति को धन हानि और मानसिक परेशानियां बढ़ने लगती हैं।
व्यापार और नौकरी में व्यक्तियों के हाथों से गलतियां होने लगती है जिससे व्यक्ति को काफी नुकसान होता है।
शिक्षा मे समस्याएं उत्पन्न होंगी।
दुर्घटना और स्वास्थ्य समस्ये परेशान कर सकती हैं।
परिवार के सदस्यों मे आपसी मनमुटाव

Effect of Guru Chandal Dosh गुरु चांडाल दोष का प्रभाव -

प्रथम भाव मे शारीरिक और मानसिक रूप से जातक को परेशान करता है।
द्वितीय भाव में बना योग भोग विलास और गलत कार्यो में व्यय होता है।
तृतीय भाव में बना योग जातक को अपराधी बनाता है।
चतुर्थ भाव में बना योग भौतिक सुख-सुविधाएं मे कमी करता है। माता को कष्ट देता है ।
पंचम भाव में जातक को शिक्षा समाप्त हो जाती है। जातक प्रेम संबंधों के मामलों में भी असफल रहता है।
छठे भाव में बना योग जातक को रोगी बनाता है। शत्रुओं से पराजित होता रहता है।
सप्तम भाव में बना योग वैवाहिक जीवन को कष्टमय करता है। जातक साझेदारी में धोखा खाता है।
अष्टम भाव में बना योग आकस्मिक रूप से बड़ी घटना-दुर्घटनाएं करवाता है।
नवम भाव का योग भाग्य में कमी लाता है। कड़ी मेहनत करने के बाद भी जातक को सफलता नहीं मिलती।
दशम भाव का योग कार्य में हमेशा अस्थिर रखता है। आजीविका का संकट बना रहता है।
एकादश का योग आय में कमी करता है। कमाई होने के बावजूद जातक बचत नहीं कर पाता।
द्वादश का योग मुकदमों में फंसा देता है। अत्यधिक खर्च करवाता है।

गुरु चांडाल योग में राहु का प्रभाव आधुनिक विचारो को बढ़ा सकता है। इस योग वाले व्यक्तियों में लीक से हटकर सोचने की क्षमता हो सकती है। वे उन क्षेत्रों में नयी खोज कर सकते हैं जिनमें नए आविष्कार या खोज की जरूरत हो । जेसे सॉफ्टवेर से संबन्धित काम ,नए रिसर्च ,नई खोज ,नए शोध पत्र
बृहस्पति बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है। राहु के साथ होने पर, आध्यात्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों सहित विभिन्न स्रोतों से ज्ञान प्राप्त करने की तीव्र इच्छा हो सकती है। व्यक्ति तंत्र ,मंत्र ज्योतिष और अन्य गूढ़ विषयों की ओर आकर्षित हो सकते हैं।

सफलता पाने के लिए नए मार्ग की खोज गुरु चांडाल योग प्रेरित कर सकता है। परंपरागत रास्ते पर न जाकर ,जोखिम उठाकर और प्राप्त अवसरों को अपनाकर अपनी जगह बना सकते हैं।
राहु के प्रभाव से व्यक्ति ध्यान आकर्षित कर सकते हैं और दूसरों को भी प्रेरित करने की क्षमता रखते हैं। वे सार्वजनिक रूप से भाषण देने या नेतृत्व की भूमिकाओं में भी अच्छा स्थान प्राप्त कर सकते हैं।
अब हम इसके बुरे प्रभाव पर भी चर्चा कर लेते है

राहु का प्रभाव निर्णय लेने में भ्रम और अनिश्चितता ला सकता है। जातक को संजकर निर्णय लेने मे कठिनाई हो सकती है।
गुरु चांडाल योग में जातक का भौतिकवादीता की ओर रुझान बढ़ जाता है। भौतिक लाभ पर ध्यान केंद्रित होजाता है, जिससे नैतिक विचारों को भूल जाता है।
गुरु चांडाल योग आध्यात्मिक ज्ञान की खोज को प्रेरित कर सकता है लेकिन राहु की भौतिक इच्छाएँ बृहस्पति की आध्यात्मिक गतिविधियों को नकार सकती हैं, जिससे आंतरिक अशांति हो सकती है।
राहु के प्रभाव से उत्पन्न आकर्षण की उपस्थिति का व्यक्तिगत लाभ के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है। इसमें हेरफेर और धोखे की संभावना है
गुरु चांडाल योग रिश्तों में तनाव पैदा कर सकता है, खासकर अगर व्यक्तिगत लाभ की इच्छा भावनात्मक संबंधों पर हावी हो जाए। राहु की उपस्थिती के कारण विश्वास संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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Remedy for Guru Chandal Dosh गुरु चांडाल दोष के लिए उपाय

किसी ज्योतिष से गुरु चांडाल योग निवारण पूजा करने के लिए कहें। इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए अनुष्ठान करना चाहिए।
भगवान विष्णु की पूजा करें।
रुद्राक्ष माला अशुभ ग्रहों राहु, केतु और गुरु के नकारात्मक प्रभाव को कम करती है।
हवन अनुष्ठान करें।
भगवान गणेश की पूजा करें
सोने के साथ पीला नीलम रत्न या पुखराज जन्म कुंडली में गुरु चांडाल दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

बुजुर्ग माता-पिता, गुरुजनों, गुरु, संतों, सास-ससुर आदि का सम्मान करें।
पीला रंग बृहस्पति ग्रह का प्रतीक है। बृहस्पति, केतु और राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए ब्राह्मणों को पीले रंग के कपड़े, सामान, शहद और हल्दी का दान करें।
पक्षियों और जानवरों को दाना डालें और प्रतिदिन देवी बगलामुखी की पूजा करें।
राहू से संबंधित वस्तु का दान करे. रोजानापहली रोटी गाय को रोटी खिलाए. धन संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले अपनों से बड़ो की सलाह ले.
विद्वान ज्योतिषी से सलाह करें…

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Pub: 22 Nov 2023 12:53 UTC
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