नौ ग्रहों की महादशा
निम्नलिखित हैं सौरमंडल के नौ ग्रहों की महादशाओं और उनकी समयावधि:
1. सूर्य (Sun): सूर्य की महादशा 6 वर्ष की होती है।
2. चंद्रमा (Moon): चंद्रमा की महादशा 10 वर्ष की होती है।
3. मंगल (Mars): मंगल की महादशा 7 वर्ष की होती है।
4. बुध (Mercury): बुध की महादशा 17 वर्ष की होती है।
5. बृहस्पति (Jupiter): बृहस्पति की महादशा 16 वर्ष की होती है।
6. शुक्र (Venus): शुक्र की महादशा 20 वर्ष की होती है।
7. शनि (Saturn): शनि की महादशा 19 वर्ष की होती है।
8. राहु (North Node): राहु की महादशा 18 वर्ष की होती है।
9. केतु (South Node): केतु की महादशा 7 वर्ष की होती है।
यह महादशा अवधियां ज्योतिष में उपयोग होती हैं और व्यक्ति के जन्मकुंडली पर आधारित होती हैं। यह समयावधि व्यक्ति के जीवन में विभिन्न गतिविधियों और घटनाओं को प्रभावित करती हैं।
Effect of Mahadashas in a person's life
महादशाओं का व्यक्ति के जीवन में प्रभाव
हाँ, इन महादशाओं का व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। ज्योतिष में महादशा एक लंबे समयावधि का कार्यक्रम होता है जिसमें एक ग्रह व्यक्ति के जीवन की मुख्य दशा में होता है। यह दशा व्यक्ति के भाग्य, करियर, स्वास्थ्य, रिश्ते और विवाह, वित्तीय स्थिति, शिक्षा आदि पर प्रभाव डालती है।
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महादशाओं के दौरान ग्रह की स्थिति, शुभ और अशुभ योग, उपायों का पालन, आदि भी महत्वपूर्ण होता है। उच्च ग्रहों की महादशा व्यक्ति को संघर्षों का सामना करने की क्षमता प्रदान करती है, जबकि नीच ग्रहों की महादशा अपेक्षाओं और संकटों की प्राप्ति में संकोच और परेशानी का कारण बनती है।
महादशाओं के अलावा, भुक्तियाँ भी होती हैं जो महादशाओं के अंतर्गत होती हैं और छोटे समयावधि के प्रभाव को दर्शाती हैं। इन भुक्तियों में दैनिक और साप्ताहिक फल, व्यक्ति के अभिप्रेत ग्रह के द्वारा प्रभावित होते हैं।
इन सभी महादशाओं और उनके दौरान व्यक्ति के जीवन पर विस्तृत प्रभाव होता है और ज्योतिष विद्या में इनका महत्व मान्यता प्राप्त है। हालांकि, यह महत्व व्यक्ति की कुंडली, ग्रहों की स्थिति और अन्य कई आंकड़ों पर भी निर्भर करता है।
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