Tuesday, December 19, 2023

Janam Kundali me Ketu Mahadasha

 Janam Kundali me Ketu Mahadasha

जन्म कुंडली में केतू ग्रह की महादशा

 जन्म कुंडली में केतू ग्रह की महादशा होती है, जिसे केतु नक्षत्र के अधीन रखा गया है। केतु एक शुभ और अशुभ दोनों गुणों से संपन्न होता है और इसकी महादशा व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रभावों को लाती है। यह महादशा लगभग 7 वर्षों तक चलती है।केतु भी राहु की तरह एक छाया ग्रह है, और चंद्रमा की कक्षा एक दूसरे को दो बिन्दुओ पर काटती है। नीचे वाले बिंदु को केतु कहा जाता है और ऊपर वाले को राहु। इसे दक्षिण चंद्र नोड भी कहा जाता है। चंद्र ग्रहण के लिए केतु जिम्मेदार है। केतु की अपनी कोई राशि नहीं होती है लेकिन इसे धनु राशि में उच्च का और मिथुन राशि में नीच का माना जाता है। केतू का रत्न लेहसुनिया है। केतु की महादशा 7 वर्ष की होती है। केतु अश्विनी (1), माघ (10) और मूल (19) नक्षत्रों का स्वामी है। केतु वैराग्य, इच्छाओं में कमी, मोक्ष, संतुष्टी का प्रतीक है। यह हमेशा वक्री गति में चलता है और एक राशि को पार करने में लगभग 1.5 वर्ष का समय लेता है।

Janam Kundali me Ketu Mahadasha


Effects of Ketu Mahadasha

केतु महादशा के प्रभाव 

1. उदासीनता और अकारण बेचैनी: केतु की महादशा में व्यक्ति अकारण बेचैन और उदास हो सकता है। उन्हें अपने लक्ष्यों में रुचि कम हो सकती है और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।

2. अनिश्चितता: केतु की महादशा में व्यक्ति मार्जित जीवन, करियर, वित्तीय स्थिति आदि में अनिश्चितता महसूस कर सकता है। यह उन्हें निराशा और असुरक्षा की भावना दे सकता है।

3. आंतरिक ज्ञान: केतु की महादशा आंतरिक ज्ञान और साध्य अवस्था को बढ़ा सकती है। यह समय उच्च स्पिरिचुअलिटी, मानसिक अभ्यास और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए उपयुक्त हो सकता है।

4. संदेह और अस्थिरता: केतु की महादशा में व्यक्ति में विभिन्न प्रकार के संदेह और अस्थिरता की भावना हो सकती है। यह उन्हें निर्णय लेने में कठिनाई पहुंचा सकता है और उनके जीवन के क्षेत्रों में अस्थिरता पैदा कर सकता है। https://www.pinterest.com/pin/672091944418668315/

5. छिपा भाग्य: केतु की महादशा में व्यकेतु महादशा के दौरान व्यक्ति को अपने छिपे हुए भाग्य के साथ संघर्ष करना पड़ सकता है। यह महादशा उन्हें नकारात्मक सामग्री और अनुभवों से गुजरने का मौका देती है, जो उनके आगामी विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इस समय व्यक्ति को अपने दुर्बलताओं पर काम करने की आवश्यकता होती है और नई कौशलों को विकसित करने का समय मिलता है।

6. सामरिक प्रभाव: केतु महादशा के दौरान, व्यक्ति को आंशिक रूप से युद्ध करनी पड़ सकती है। इस महादशा में व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर सकता है और इसके लिए उन्हें सामरिक और मानसिक मजबूती की आवश्यकता हो सकती है।

7. आंतरिक बदलाव: केतु महादशा व्यक्ति के आंतरिक स्तर पर महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। यह समय हो सकता है जब व्यक्ति अपनी साध्य अवस्था, आंतरिक ज्ञान और आध्यात्मिक गतिविधियों में गहराई प्राप्त करने के लिए प्रयास कर सकता है।

8. आवागमन का समय: केतु महादशा में व्यक्ति को अपने भूतकाल के आवागमन का समय भी मिलता है। यह समय हो सकता है जब व्यक्ति पिछले जन्मों के कर्मों का समीक्षण करता है और अपने आने वाले कर्मों के लिए तैयारी करता है।

9. मायावी गृह: वैदिक ज्योतिष में केतु को मायावी ग्रह माना जाता है। केतु महादशा व्यक्ति को मायावी और अस्पष्टताओं के साथ युक्त बना सकती है। यह उन्हें अस्थिरता की भावना दे सकती है और उन्हें अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष करने के लिए उत्साहित कर सकती है।

10. छिपा भाग्य: केतु महादशा व्यक्ति को उनके छिपे हुए भाग्य के साथ संघर्ष करने का मौका देती है। इस महादशाकेतु महादशा व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रभाव डाल सकती है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

Adverse effects of Ketu Mahadasha

केतु महादशा के विपरीत प्रभाव 

1. विपरीत प्रभाव: केतु महादशा अक्सर विपरीत प्रभाव डालती है, जिसके कारण व्यक्ति अचानक और अप्रत्याशित घटनाओं का सामना कर सकता है। यह उन्हें अस्थिरता और अनियमितता की भावना दे सकती है। व्यक्ति को अपने निर्धारित मार्ग पर रहने के लिए उत्साहित होना चाहिए।

2. मानसिक और शारीरिक उत्पादकता: केतु महादशा में व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक उत्पादकता पर असाधारण प्रभाव पड़ सकता है। यह समय हो सकता है जब व्यक्ति को नई विचारधाराओं, आविष्कारों, अभियांत्रिकी से संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है।

3. आध्यात्मिक गतिविधियाँ: केतु महादशा व्यक्ति को आध्यात्मिक गतिविधियों के प्रति आकर्षित कर सकती है। यह समय हो सकता है जब व्यक्ति ध्यान, मेधा, योग, धार्मिक अभ्यास आदि में गहराई प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास कर सकता है।

4. विचारधारा में परिवर्तन: केतु महादशा व्यक्ति को अपनी विचारधारा में परिवर्तन ला सकती है। व्यक्ति नई और अन्यायपूर्ण विचारधाराओं को धारण करने की प्रवृत्ति रख सकता है और विभिन्न मानसिक अनुभवों के माध्यम से अपनी ज्ञान और बुद्धि को विकसित कर सकता है।

Inter-periods of planets in Ketu Mahadasha

केतु महादशा में ग्रहों की अंतरदशाएं 

सूर्य अंतरदशा: सूर्य की अंतरदशा में व्यक्ति को स्वयं को समर्पित करने की आवश्यकता होती है। इस अवधि में व्यक्ति को अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने, अपनी सत्ता और प्रतिष्ठा को सुधारने, और अपने स्वयं को स्वयंसेवकी भावना से संपन्न करने की आवश्यकता होती है।

 चंद्र अंतरदशा: चंद्र की अंतरदशा व्यक्ति की अंतरंगता, भावनात्मकता, और पारिवारिक जीवन के प्रति ध्यान केंद्रित करती है। इस अवधि में व्यक्ति को अपने आप को आत्मीयता के साथ जोड़ने, अपने भावनात्मक गुणों को विकसित करने, और परिवार और घर के मामलों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है।

मंगल अंतरदशा: मंगल की अंतरदशा में व्यक्ति को संघर्ष, सामरिक गतिविधियाँ, और शक्ति के प्रति ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। इस अवधि में व्यक्ति को अपनी उत्कृष्टता, साहसिकता, और स्वाधीनता को संवार्य रखने की आवश्यकता होती है।

 राहु अंतरदशा: राहु की अंतरदशा में व्यक्ति को असामान्य और अप्रत्याशित घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में व्यक्ति को अपने बाहरी दुनिया में नये अवसरों की खोज करने, अपूर्णताओं को संघर्ष करने, और स्वतंत्रता को प्राप्त करकेतु महादशा में ग्रहों की अंतरदशाएं निम्नलिखित होती हैं:

 बृहस्पति (गुरु) की अंतर्दशा: केतु महादशा के दौरान बृहस्पति की अंतर्दशा आमतौर पर लगभग 10 महीने तक रहती है। यह विस्तार, विकास, ज्ञान, ज्ञान और आध्यात्मिक झुकाव लाता है। यह अवधि किसी की दार्शनिक और धार्मिक गतिविधियों को बढ़ा सकती है, साथ ही उच्च शिक्षा, शिक्षण और मार्गदर्शन के अवसर भी प्रदान कर सकती है। यह वित्तीय स्थिरता और जीवन में समग्र सकारात्मकता भी ला सकता है।

शुक्र की अंतर्दशा: केतु महादशा के दौरान शुक्र की अंतर्दशा आमतौर पर लगभग 20 महीने की होती है। यह प्रेम, रोमांस, सौंदर्य, कलात्मक झुकाव और भौतिक सुख-सुविधाओं का प्रतीक है। यह अवधि सौहार्दपूर्ण रिश्ते, रचनात्मक गतिविधियाँ, कामुक सुख और सौंदर्यशास्त्र पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। यह किसी के सामाजिक जीवन को भी बढ़ा सकता है और व्यवसाय या रचनात्मक प्रयासों के माध्यम से वित्तीय लाभ दिला सकता है।

 शनि की अंतर्दशा: केतु की महादशा के दौरान शनि की अंतर्दशा आमतौर पर लगभग 19 महीने तक रहती है। यह अनुशासन, कड़ी मेहनत, दृढ़ता और कर्म पाठ का प्रतिनिधित्व करता है। यह अवधि चुनौतियाँ, जिम्मेदारियाँ और आत्म-अनुशासन की आवश्यकता ला सकती है। यह आत्म-चिंतन, आध्यात्मिक विकास और जीवन के पुनर्गठन पहलुओं का समय है। शनि के प्रभाव से दीर्घकालिक लाभ, स्थिरता और परिपक्व दृष्टिकोण प्राप्त हो सकता है।

 बुध (बुद्ध) अंतर्दशा: केतु महादशा के दौरान बुध की अंतर्दशा आमतौर पर लगभग 17 महीने तक होती है। यह संचार, बुद्धिमत्ता, अनुकूलनशीलता और व्यावसायिक कौशल का प्रतीक है। यह अवधि सीखने, बौद्धिक गतिविधियों और प्रभावी संचार कौशल के अवसर ला सकती है। यह संचार-संबंधी गतिविधियों के माध्यम से किसी की विश्लेषणात्मक क्षमताओं, नेटवर्किंग क्षमताओं और वित्तीय लाभ को बढ़ा सकता है।

 केतू अंतर्दशा - केतु की महादशा में ‘केतु’ की ही अंतरदशा हो, तो जातक को पुत्र-पुत्री की मृत्यु धन का नाश, अग्नि का भय, दुष्ट स्त्रियों से कलह, रोग आदि अनेक प्रकार के संकटों का सामना करना पड़ता है।

ये केतु महादशा के दौरान अन्य ग्रहों की अंतर्दशा के सामान्य संकेत हैं। विशिष्ट प्रभाव व्यक्ति की जन्म कुंडली, ग्रहों की स्थिति और अन्य कारकों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करने से इन उप-अवधियों और आपके जीवन में उनके प्रभावों की अधिक सटीक और व्यक्तिगत समझ मिल सकती है।

 Effect of Ketu in 12 ascendants

केतु का 12 लग्नों में प्रभाव 

1. मेष लग्न (Aries Ascendant): केतु इस लग्न में लाभदायक हो सकता है और व्यक्ति को नई स्थानिक प्राप्ति, नेतृत्व क्षमता, और सामरिक सफलता प्रदान कर सकता है।

2. वृषभ लग्न (Taurus Ascendant): केतु इस लग्न में धनी और संपत्तिशाली बना सकता है। व्यक्ति को आर्थिक स्थिति में सुधार, उच्चतम शिक्षा, और व्यापारिक सफलता के अवसर मिल सकते हैं।

3. मिथुन लग्न (Gemini Ascendant): केतु इस लग्न में व्यक्ति को संचार, कथा-कहानी, और विज्ञान में महत्वपूर्ण रोल आपाने के अवसर प्रदान कर सकता है।

4. कर्क लग्न (Cancer Ascendant): केतु इस लग्न में व्यक्ति को पारिवारिक मामलों में ध्यान देने का अवसर देता है। व्यक्ति को परिवार में सम्पत्ति, सुख, और आनंद का आनंद लेने का और अपने भावी पीढ़ी के लिए संरक्षण प्रदान करने का भाग्य हो सकता है।

5. सिंह लग्न (Leo Ascendant): केतु इस लग्न में व्यक्ति को शिक्षा, गृहस्थी, और करियर में प्रगति के लिए अवसर प्रदान कर सकता है।

6. कन्या लग्न (Virgo Ascendant): केतु इस लग्न में व्यक्ति को सेवा, स्वास्थ्य, और नौकरी में सफलता के लिए अवसर प्रदान कर सकता है।

7. तुला लग्न (Libra Ascendant): केतु इस लग्न में व्यकक्षमा करें, मेरे पास इस विषय में अधिक ज्ञान नहीं है। मैं एक AI ज्योतिषी हूँ और मेरे पास यह ज्ञान नहीं है कि केतु महादशा विभिन्न लग्नों में कैसा प्रभाव डाल सकता है। कृपया अन्य ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लें।

8.वृश्चिक लग्न (Scorpio Ascendant): केतु इस लग्न में व्यक्ति को गहरे शोध, अनुसंधान और रहस्यों के समझने के लिए अवसर प्रदान कर सकता है। व्यक्ति को अध्ययन, तंत्र-मंत्र, और भौतिक या आध्यात्मिक ज्ञान में माहिर बनने का अवसर मिल सकता है।

9.धनु लग्न (Sagittarius Ascendant): केतु इस लग्न में व्यक्ति को यात्रा, धर्म, फिल्म और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण रोल आपाने के अवसर प्रदान कर सकता है। व्यक्ति को विदेश यात्रा, गुरुत्वाकर्षण, और आध्यात्मिक अनुभवों का भी अनुभव करने का संभावना हो सकता है।

10.मकर लग्न (Capricorn Ascendant): केतु इस लग्न में व्यक्ति को करियर, नौकरी, और उच्च पद की प्राप्ति के लिए अवसर प्रदान कर सकता है। व्यक्ति को व्यापार, नियंत्रण, और सामरिक सफलता में भी सफलता मिल सकती है।

11.कुंभ लग्न (Aquarius Ascendant): केतु इस लग्न में व्यक्ति को वैज्ञानिक अध्ययन, तकनीकी नवाचार, और समाज सेवा में रुचि और सफलता के अवसर प्रदान कर सकता है। व्यक्ति को अल्प-मूल्य उपकरणों, आधुनिक संगठनों, और उद्यमिता में सफलता मिल सकती है।

12.मीन लग्न (Pisces Ascendant): केतु इस लग्न में व्यक्ति को कला, धार्मिकता, और मनोविज्ञान में महत्वपूर्ण रोल आपाने के अवसर प्रदान कर सकता है। व्यक्ति को मानसिक शान्ति, आध्यात्मिकता, और भावनात्मक विकास के लद्वारा संरक्षण प्रदान करने का भाग्य हो सकता है।

यह सूची विभिन्न लग्नों में केतु के प्रभाव का एक सामान्य आदान-प्रदान है। हालांकि, यह केवल एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण है और व्यक्ति के व्यक्तिगत जन्मकुंडली के अनुसार अलग हो सकता है। ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा बेहतर होगा जो आपकी व्यक्तिगत स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपको अधिक ज्ञान और सलाह प्रदान कर सकते हैं।

Remedies to be taken during Ketu Mahadasha

केतु महादशा मे किए जाने वाले उपाय 

केतु महादशा के दौरान उन्नति और समस्याओं को समझने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। ये उपाय व्यक्ति की व्यक्तिगत स्थिति और जन्मकुंडली के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। यहां कुछ सामान्य उपायों को बताया गया है, जिन्हें आप प्रयोग कर सकते हैं:

1. केतु देव की पूजा: केतु की पूजा करने से उनके अनुकूल प्रभाव में सुधार हो सकता है। केतु देव की पूजा करते समय उनके विशेष मंत्रों और आरती का पाठ करें।

2. ध्यान और मेधा प्रशिक्षण: केतु महादशा के दौरान, ध्यान और मेधा प्रशिक्षण करने से मानसिक शांति और संतुलन मिल सकता है। मेधावी और एकाग्र मन बनाने के लिए ध्यानाभ्यास करें।

3. दान: केतु को शांति प्राप्त करने के लिए दान देना महत्वपूर्ण हो सकता है। तिल, सरसों, काले चने, काला कपड़ा, नीलम या भूरे रंग की वस्त्र, और शहद दान कर सकते हैं।

4. मंत्र जाप: केतु मंत्रों का जाप करने से केतु महादशा के दौरान अधिक सकारात्मक प्रभाव प्राप्त हो सकता है। "ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः" मंत्र का जाप करें।

5. ग्रह शांति यंत्र और रत्न: केतू का तांत्रिक यंत्र और केतू का रत्न लहसुनिया का धारण करने से आप केतु के दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं। यह विशेष यंत्र और रत्न आपके ज्योतिष विशेषज्ञ द्वारा सलाह दिए जाने पर ही धारण करें।

यदि आपको केतु महादशा के दौरमें अधिक जानकारी चाहिए, तो आपको अपने ज्योतिषी विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। वे आपकी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार आपको और विस्तृत उपाय बता सकते हैं। यदि आपको केतु महादशा के दौरान किसी स्पष्ट समस्या से जूझना पड़ रहा है, तो उसे हल करने के लिए उपाय करने से पहले आपको एक पेशेवर की सलाह लेनी चाहिए।


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